Sheikh Hasina News: 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश एक अलग देश बना, एक मुल्क के तौर पर बांग्लादेश की किस्मत पाकिस्तान से बेहतर तो रही लेकिन राजनीतिक हालात लगभग एक जैसे ही रहे है। चुनी हुई प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बांग्लादेश छोड़ दिया है और वह भारत पहुंच गई हैं। अब सबसे बड़ी बात यह अगस्त का महीना शेख हसीना और उनके पिता मुजीबुर रहमान के लिए सही नहीं रहा है।

49 साल पहले अगस्त महीने में ही बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। बांग्लादेश में सेना ने बगावत कर दी थी। 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेशी सेना के कुछ जूनियर अधिकारियों ने शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के शेख मुजीब के घर पर टैंक से हमला कर दिया। उस दिन हसीना ने सिर्फ अपने पिता को ही नहीं बल्कि अपने परिवार के 17 लोगों को खो दिया था। शेख हसीना के परिवार को खत्म करने के बाद मेजर जनरल जियाउर रहमान ने सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले ली।

सिर्फ उनकी दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना की जान बच पाई थी क्योंकि वो उस समय जर्मनी घूमने के लिए गई हुई थीं। शेख हसीना साल 1981 तक दिल्ली में ही रही थीं। इसके बाद वापस आकर हसीना ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला था। 1971 में अपनी आजादी के बाद से बांग्लादेश में सेना रह-रहकर तख्तापलट करती रही है। 1991 में सही से चुनाव नहीं हो जाने तक सेना ने बार-बार दखल दिया है।

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सेना ने दिया दखल

सेना की दखलअंदाजी आज भी देखने को मिली है। बांग्लादेश में सेना ने कमान संभाल ही है। हालांकि, इस बार सेना ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए सिर्फ 45 मिनट का समय दिया। इसके बाद उन्होंने जल्दबाजी में राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार उज जमान ने राष्ट्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना ने इस्तीफा दे दिया है, अंतरिम सरकार देश को चलाएगी। हम देश में शांति वापस लाएंगे। हम नागरिकों से हिंसा रोकने का आग्रह करते हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हुई हत्याओं की सही से जांच करेंगे। आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि सेना ने इसकी पूरी जिम्मेदारी ले ली है।

शेख हसीना इतनी बार रहीं पीएम

शेख हसीना ने 1996 से 2001 तक बांग्लादेश की पीएम के रूप में पहली बार शपथ ली थी और अपने पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया। साल 2001 के आम चुनावों में शेख हसीना को लोगों ने सत्ता से बेदखल कर दिया। लेकिन साल 2008 में वह काफी भारी बहुमत के साथ में सत्ता में लौटी। उन्होंने 2009 में पीएम पद की शपथ ली। 2014 में उन पर लोगों ने फिर से भरोसा जताया और वह पीएम की कुर्सी पर बैठीं। उन्होंने 2018 में फिर से जीत हासिल की और वह चौथी बार देश की पीएम बनीं। बांग्लादेश की पीएम ने पांचवी बार इसी साल शपथ ग्रहण की थी। हसीना की पार्टी ने संसद में लगभग तीन चौथाई सीटें जीत ली थी। वहीं विपक्षी दलों को बाकी सीटें मिली थी।