रूस-यूक्रेन युद्ध अमेरिका के लिए आपदा में अवसर लेकर आया है। कई बार ये बात सामने आई है कि अमेरिकी कारोबारी जमकर चांदी कूट रहे हैं। इस बीच अब थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने भारत की तुलना में रूस से ज्यादा ईंधन खरीदा है।
हालांकि अमेरिका हमेशा ही रूस को लेकर सख्त रुख दिखाता रहा है। अमेरिका ने कईं बार अन्य देशों को मॉस्को के साथ व्यापार नहीं करने की हिदायत दी है। इसके बाद कई देशों ने रूस पर प्रतिबंध भी लगाए हैं। लेकिन CREA की मानें तो रूस यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत के बाद से अमेरिका ने भारत से कहीं ज्यादा कच्चा तेल रूस से आयात किया है।
रूस से तेल खरीदने वाली लिस्ट में भारत 20वें स्थान पर है जबकि अमेरिका को इसी लिस्ट में 18वें नंबर पर रखा गया है। उधर जब रूस ने भारत को सस्ते में कच्चा तेल खरीदने का ऑफर दिया तो अमेरिका भारत पर भड़क उठा था। बाइडन प्रशासन का कहना था कि युद्ध के समय भारत का ये रवैया ठीक नहीं। जबकि इसके उलट अमेरिका खुद जमकर पैसा कमा रहा है। पहले भी रिपोर्ट आई हैं कि हथियारों की बिक्री करके अमेरिका इस जंगी आपदा में अवसर तलाश रहा है।
ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में पेट्रोल, डीजल की बिक्री कम
भारत में अप्रैल 2022 में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में वृद्धि नरम रही। घरेलू रसोई गैस एलपीजी की खपत भी घटी है। ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंचने की वजह से मांग प्रभावित हुई है। PTI की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च, 2022 की तुलना में अप्रैल, 2022 में पेट्रोल की बिक्री में वृद्धि 2.1 फीसदी रही जबकि डीजल की मांग लगभग सपाट रही। रसोई गैस एलपीजी की खपत में भी अप्रैल में 9.1 फीसदी की गिरावट आई।
ध्यान रहे कि पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रखने के बाद 22 मार्च को पहली बार बढ़ाई थीं। उसके बाद छह अप्रैल तक 16 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल 10-10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई।