नॉर्वे के मछुआरों को समुद्र में एक ऐसी मछली मिली जिसके गले में कैमरा लटका हुआ देखा गया। मछुआरों को बेलुगा व्हेल मछली के गले में हार्नेस (पट्टा) जैसा कुछ लिपटा हुआ भी मिला। माना जा रहा है कि हार्नेस का निर्माण रूस में हुआ। मछुआरों ने व्हेल को उस वक्त पकड़ लिया जब वो जहाज की तरफ बढ़ रही थी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि व्हेल रूसी मिलिट्री से भाग गई होगी। आईटीवी न्यूज ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि व्हेल मिलने से स्कैंडिनेवियाई देश में जासूसी की आशंका है और पूरी पड़ताल के जांच शुरू की गई है। इसके अलावा बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि टेम बेलुगा व्हेल मछली ने नॉर्वे से नावों से संपर्क किया, जो कि मुर्गमानस्क से लगभग 415 किमी दूरी पर एक द्वीप है। यहां रूस का एक सैनिक अड्डा है।

आईटीवी न्यूज ने नार्वे के एक न्यूज से मिली जानकारी के आधार पर बताया कि माना जाता है कि रूसी सेना ने जासूसी के लिए समुद्री स्तनधारियों को ट्रेन्ड किया था। डेली मेल ने नॉर्वे की आर्कटिक यूनिवर्सिटी के एक आर्कटिक और समुद्री जीवविज्ञान के प्रोफेसर, ऑडुन रिकडसन के हवाले बताया कि हम जानते हैं कि रूस घरेलू व्हेल कैद हैं और यह भी कि इनमें से कुछ को जाहिर तौर पर छोड़ दिया गया है। फिर वे अक्सर नावों की तलाश करते हैं।

रिकडसन बीबीसी को बताया कि एक रूसी सहकर्मी ने उन्हें बताया कि वे इस तरह के प्रयोग नहीं करते हैं, लेकिन वह जानते हैं कि नौसेना ने कुछ वर्षों से बेलुगाओं को पकड़ा है और उन्हें प्रशिक्षित किया है। सबसे अधिक संभावना है कि यह उसी से संबंधित है। जानना चाहिए कि वेलुगा को आम बोलचाल की भाषा में सफेद व्हेल मछली कहा जाता है। यह अपनी प्रजाति की सबसे छोटी व्हेल होती है। इन मछलियों का आकार महज 20 फीट तक होता है। आम तौर इस प्रजाति की मछली आर्कटिन सागर के पानी में ही पाई जाती हैं।