व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के लिए गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बनना और भारत के राष्ट्रीय दिवस समारोह को प्रत्यक्ष देखना ‘अत्यंत सम्मान’ की बात है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि इस दौरे को लेकर राष्ट्रपति बेहद उत्साहित हैं। गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि के तौर आमंत्रित किया जाना उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है। वह भारत यात्रा के दौरान वहां के गणतंत्र दिवस समारोह से जुड़े आयोजनों को प्रत्यक्ष देखने के आकांक्षी हैं।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘इस महत्वपूर्ण दिवस पर होने वाली परेड और इसके उपलक्ष्य में आयोजित अन्य कार्यक्रमों के बारे में हमें कई रोचक जानकारियां मिली हैं।’’
ओबामा ने आज तक किसी भी देश के राष्ट्रीय दिवस समारोहों में हिस्सा नहीं लिया। अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के लिए वह रविवार को सुबह नयी दिल्ली पहुंचेंगे। भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और कारोबार जगत के प्रभावशाली लोगों के साथ बातचीत करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति भारत में राजनेताओं के साथ होने वाली कई गंभीर बैठकों को लेकर और निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक को लेकर आशान्वित हैं।’’
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति इसे न केवल दोनों देशों के बीच बल्कि दोनों नेताओं के बीच भी परस्पर मजबूत एवं बेहतर संबंध बनाने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं, ‘‘ जिनकी उद्देश्यों को लेकर समझ और उत्साह में बहुत समानता है।’’
जोश अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका एवं भारत के संबंधों में नयी उर्च्च्जा एवं उत्साह का संचार करने में रूचि रखते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने भी यही इच्छा जाहिर की है। अपने कार्यकाल में दूसरी बार भारत की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा का यह कदम भारत, भारतीयों और द्विपक्षीय संबंधों के प्रति उनकी वचनबद्धता को दर्शाता है।’’
ओबामा की भारत यात्रा के दौरान उनके एजेंडे में आर्थिक नीति महत्वपूर्ण हिस्सा होगी। अर्नेस्ट ने कहा, ‘‘अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे में कई अमेरिकी कारोबारी दिग्गज भी भारत यात्रा पर जाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में अमेरिकी कारोबारियों के लिए अपार आर्थिक संभावनाएं हैं।’’
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘वह अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जो अमेरिकी लोगों के फायदे के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में रूचि रखते हैं। निश्चित रूप से इसके लिए वह भारत में मौजूद उद्योग के अवसरों को एक बेहतर मौके के तौर पर देखते हैं।’’