वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान की किशोर बालिका मलाला यूसुफजई और भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि यह पुरस्कार मानव सम्मान की जीत है। मलाला और सत्यार्थी के काम को पहचान देकर नोबेल समिति ने याद दिलाया है कि हमें युवाओं के अधिकारों का सम्मान करना होगा और युवाओं के साथ लिंग, स्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए।
पाकिस्तान की 17 वर्षीय युवती यूसुफजई को लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए तालिबानी आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। ओबामा और उनकी धर्मपत्नी मिशेल उनके साहस से अभिभूत है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए मलाला और सत्यार्थी को उनके कार्य के दौरान कई बार धमकियां भी मिलीं और जान से मारने की धमकियां भी दी गई, लेकिन वे बिना डरे अपने काम को पूरा करते रहे।