मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया। बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा और इसके नेतृत्व के खिलाफ चल रहे युद्ध अपराध मुकदमे का हवाला देते हुए किया गया।

ढाका में हुआ प्रदर्शन

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार यह निर्णय नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के कार्यकर्ताओं द्वारा ढाका में कई दिनों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और नाकेबंदी के बाद लिया गया है। यह एक छात्र-नेतृत्व वाला संगठन है, जो पिछले साल के विद्रोह से उभरा था। इसी संगठन ने शेख हसीना के 16 साल के शासन को उखाड़ फेंका था।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार यूनुस के कार्यालय ने कहा, “इस संबंध में आधिकारिक गजट अधिसूचना सोमवार को जारी किया जाएगा।” इस कदम को अंतरिम कैबिनेट ने सलाहकार परिषद का बयान बताया है।

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कब तक रहेगा प्रतिबंध?

बयान में कहा गया है कि प्रतिबंध बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में अवामी लीग के मुकदमे के पूरा होने तक प्रभावी रहेगा।अंतरिम कैबिनेट द्वारा शनिवार को आईसीटी कानून में संशोधन किए जाने के बाद अब न्यायाधिकरण को न केवल व्यक्तियों बल्कि राजनीतिक दलों और संबद्ध संगठनों पर भी मुकदमा चलाने का अधिकार है।

बांग्लादेश सरकार ने कहा कि यह निर्णय न्यायाधिकरण में शिकायतकर्ताओं और गवाहों के साथ-साथ जुलाई 2024 के विद्रोह के समर्थकों की सुरक्षा के लिए लिया गया था, जिसने शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया था। विद्रोह के कारण 77 वर्षीय शेख हसीना को पिछले साल 5 अगस्त को भारत भागना पड़ा था। नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस ने तीन दिन बाद यानि 8 अगस्त को कार्यवाहक प्रशासन के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार संभाला। तब से हसीना और दर्जनों शीर्ष अवामी लीग नेता सामूहिक हत्या, भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग से संबंधित सैकड़ों मामलों का सामना कर रहे हैं। पार्टी के कई नेता वर्तमान में जेल में हैं या विदेश में छिपे हुए हैं।

1949 में गठित, अवामी लीग ने 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का नेतृत्व किया और स्वतंत्रता के बाद से देश की प्रमुख राजनीतिक ताकतों में से एक रही है। इसका अचानक प्रतिबंध देश की राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ है। इस साल की शुरुआत में स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) समूह के छात्र कार्यकर्ताओं द्वारा गठित एनसीपी ने अवामी लीग के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को तनाव तब और बढ़ गया जब एनसीपी समर्थकों ने कई इस्लामवादी और दक्षिणपंथी समूहों के साथ मिलकर प्रतिबंध की मांग करते हुए यूनुस के आधिकारिक आवास की ओर मार्च किया और ढाका के शाहबाग इलाके में धरना दिया।

मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने किया विरोध

बढ़ते दबाव के बावजूद, मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने सार्वजनिक रूप से इस कदम का विरोध किया है। पीटीआई के अनुसार बीएनपी प्रवक्ता ने कहा, “हम किसी भी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन नहीं करते हैं।” यूनुस के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने निर्णय लेने से पहले विभिन्न राजनीतिक स्टेकहोल्डर्स से परामर्श किया था।