Bangladesh Violence: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बन गई है, लेकिन 5 अगस्त के बाद से जारी हिंसा पर अभी तक कोई काबू नहीं पाया जा सका है। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ ये आंदोलन हिंदुओं के खिलाफ हो गया। वहां लगातार हिंदुओं के घरों, मंदिरों और दुकानों तक को निशाना बनाया जा रहा है। मंगलवार को ठाकुरगांव जिले के फराबारी मंदिरपारा गाव में आगजनी की घटना सामने आई और उपद्रवियों ने हिंदू परिवार के घर पर हमला बोल दिया।

इस मामले में ‘द डेली स्टार’ से बातचीत में अक्छा यूनियन परिषद के अध्यक्ष सुब्रत कुमार बर्मन ने कहा कि मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे अज्ञात लोगों ने कलेश्वर बर्मन के घर में आग लगा दी। गनीमत ये रही है कि लोगों ने तुरंत ही आग को बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए, जिसके बाद आग पर काबू पा लिया गया और घर के अंदर फंसे लोगों को वापस निकाल लिया गया।

Bangladeshi Hindus पर हमले को लेकर क्या बोली पुलिस

वहीं इस घटना को लेकर ठाकुरगांव पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी एबीएम फिरोज वहीद ने बताया कि जैसे ही उन्हें घटना की जानकारी मिली थी, तैसे ही वे घटनास्थल पर पहुंच गए थे। बता दें कि यहीं के निम्बारी कमरपारा गांव में कुछ दिन पहले ऐसी ही घटना हुई थी, जहां अनंत बर्मन नाम के शख्स के घर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था। इसके चलते हिंदू परिवार की सभी कीमती चीजें जलकर खाक हो गई।

फ़राबारी के ही रहने वाले राबिन रॉय ने कहा कि पिछली सरकार के पतन के बाद शुरू हुई इन घटनाओं के बाद हिंदू समुदाय के लोग खौफ के साए में जी रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस ने दावा किया कि 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय को 48 जिलों में 278 स्थानों पर हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा और इसे “हिंदू धर्म पर हमला” करार दिया।

Sheikh Hasina के इस्तीफे के बाद भारत आना चाहते थे हिंदू

बता दें कि ठाकुरगांव वही इलाका है, जहां के लोग शेख हसीना के इस्तीफे के बाद 6 और 7 अगस्त को भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। ये इलाका भारत बांग्लादेश सीमा से सटा हुआ है, जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग भारत में घुसलने के लिए बॉर्डर पर इकट्ठा हो गए थे। हालांकि बता दें कि बांग्लादेश में करीब 8 प्रतिशत हिंदू हैं, जो परंपरागत रूप से शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के समर्थक माने जाते है।

वहीं इस मामले में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सभी के लिए अधिकार समान हैं। हम सभी एक हैं और हमारे पास समान अधिकार हैं, उन्होंने कहा कि अभी थोड़ा सा धैर्य रखें, और हमें काम करने का मौका दें।