बांग्लादेश का ट्रिब्यूनल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस से जानकारी लेगा। बांग्लादेश में एक विशेष न्यायाधिकरण सोमवार को पुलिस से इस बारे में जानकारी लेगा कि देश की सुरक्षा एजेंसियों ने अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके करीबी सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए हैं। उन पर कुछ महीने पहले देश में हुए प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की मौत के आरोप हैं।
ढाका स्थित ‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल’ ने 17 अक्टूबर को शेख हसीना और 45 अन्य लोगों के लिए वारंट जारी किया था जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री, सलाहकार और सैन्य एवं प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं।
ट्रिब्यूनल में अभियोजक बी एम सुल्तान महमूद के अनुसार सोमवार को न्यायाधिकरण के समक्ष कम से कम 14 लोग पेश होंगे जिनमें एक पूर्व विधि मंत्री और हसीना के निजी क्षेत्र के एक सलाहकार और कारोबारी शामिल हैं। ट्रिब्यूनल के अधिकारियों ने कहा कि 6 अन्य लोग बुधवार को पेश होंगे। मामले में कम से कम 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल’ करेगा बांग्लादेश पुलिस से सवाल
ट्रिब्यूनल इस सिलसिले में हसीना समेत अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार करने की दिशा में हुई प्रगति के बारे में पुलिस से जानकारी लेगा। ट्रिब्यूनल के मुख्य अभियोजक ने हसीना की गिरफ्तारी के लिए देश के पुलिस प्रमुख के माध्यम से इंटरपोल से मदद मांगी है। यूनुस ने रविवार को राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा था कि उनका प्रशासन भारत से हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करेगा।
अधिकारियों का कहना है कि जुलाई और अगस्त में हुए के दौरान मुख्य रूप से सुरक्षा एजेंटों द्वारा सैकड़ों लोग मारे गए थे जो सरकारी नौकरियों पर शुरुआती विरोध को दबाने की कोशिश कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन अधिक रक्तपात के साथ सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, हिंसा तेज हो गई, जिससे शेख हसीना का 15 साल का शासन समाप्त हो गया। हसीना ने पहले भी हत्याओं की जांच की मांग की थी।
शेख हसीना छात्रों की अगुवाई में हुए प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश छोड़कर 5 अगस्त 2024 को भारत पहुंच गई थीं और तभी से यहां निर्वासन में रह रही हैं। देश में इस समय अंतरिम सरकार है जिसके प्रमुख नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस हैं।
(इनपुट- एपी)