बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में दो वरिष्ठ मंत्रियों को दोषी पाते हुए प्रत्येक पर 50 हजार टका का जुर्माना लगाया है। साल 1971 के युद्ध अपराधों के एक प्रमुख दोषी की अपील पर सुनवाई के दौरान यह जुर्माना लगाया गया। शीर्ष अदालत की पूर्ण पीठ के सामने खाद्य मंत्री कमरूल इस्लाम और मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्री मजमल हक के पेश होने के बाद प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि मंत्रियों को अदालत की गंभीर अवमानना का दोषी पाया गया है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि शीर्ष अदालत ने उन्हें सजा देने में नरम रुख अपनाया है क्योंकि दोनों मंत्री पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं लेकिन अदालत ने उन्हें क्षमा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि वे संविधान के संरक्षण की शपथ के तहत कैबिनेट में पद संभाले हुए हैं। सिन्हा ने कहा कि शपथ के बावजूद संविधान का उल्लंघन करते हुए प्रधान न्यायाधीश और शीर्ष अदालत का अनादर करने वाली आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं जो इरादतन लग रही हैं। मंत्रियों ने फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार किया।

इस महीने की शुरुआत में दो मंत्रियों ने जमात -ए-इस्लामी के नेता और साल 1971 युद्ध अपराध के प्रमुख दोषी मीर कासिम अली की अपील पर सुनवाई के दौरान जांचकर्ताओं की आलोचना करने संबंधी प्रधान न्यायाधीश की टिप्पणियों की सार्वजनिक निंदा की थी।