पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले कुछ महीनों में हिंदुओं और अल्पसंख्यक समूहों पर हमले में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। बांग्लादेश के कुछ मानवाधिकार समूहों ने बुधवार को इस बारे में पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में शेख हसीना के शासन को उखाड़ फेंकने के बाद से मॉब किलिंग में वृद्धि हुई है।

AFP की खबर के अनुसार, बांग्लादेश के एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन, ऐन ओ सलीश केंद्र (ASK) ने कहा कि 2024 में भीड़ द्वारा कम से कम 128 लोग मारे गए। इनमें से 96 Mob killings अगस्त के बाद हुईं, जिसका मतलब है कि लगभग तीन-चौथाई हत्याएं हसीना के देश छोड़कर भागने के बाद हुईं।

एएसके के वरिष्ठ सदस्य अबू अहमद फैजुल कबीर ने कहा, “लिंचिंग और भीड़ द्वारा मारपीट की घटनाएं समाज में बढ़ती असहिष्णुता और कट्टरपंथ को दर्शाती हैं।” दो अन्य मानवाधिकार संगठनों ने भी भीड़ द्वारा हत्या की जो संख्या बताई वह पिछले पांच सालों के औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा है।

बांग्लादेश में बढ़ीं मॉब लिंचिंग और भीड़ द्वारा मारपीट की घटनाएं

मानवाधिकार सांस्कृतिक फाउंडेशन ने कहा कि उसने 2024 में भीड़ द्वारा मारे गए 146 लोगों का दस्तावेजीकरण किया है, जबकि ह्यूमन राइट्स सपोर्ट सोसाइटी ने 173 मौतें दर्ज की हैं। हालांकि भीड़ द्वारा की गई हत्याओं के कारणों का खुलासा नहीं किया गया, लेकिन हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद बदला लेने के लिए हमले बढ़ गए, जिनमें उनकी पूर्व सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के सदस्यों को निशाना बनाया गया।

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पुलिस प्रवक्ता इनामुल हक सागर ने कहा, “हम नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे कानून अपने हाथ में लेने के बजाय पुलिस से मदद लें।” तीनों मानवाधिकार समूहों ने हसीना के नेतृत्व में सुरक्षा बलों द्वारा की गई क्रूर कार्रवाई की भी निंदा की, जिसमें छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह को कुचलने के असफल प्रयास में सैकड़ों लोग मारे गए।

मानवाधिकार कार्यकर्ता और सुप्रीम कोर्ट की वकील सारा हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश को हसीना के कार्यकाल में दमन से घायल हुए लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक आयोग की तत्काल आवश्यकता है। हुसैन ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार को मानवाधिकार समूहों द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच करनी चाहिए।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना अगस्त 2024 से भारत में हैं

गौरतलब है कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना 5 अगस्त 2024 से भारत में हैं, जब उन्हें छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद देश छोड़ना पड़ा था। छात्रों के आंदोलन के कारण उनकी 16 साल पुरानी सरकार गिर गई थी। बांग्लादेश स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार’ के लिए अरेस्ट वारंट जारी किया है। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग