Bangladesh News: बांग्लादेश की में तख्तापलट और नई अंतरिम सरकार बनने के बाद से हर दिन कुछ न कुछ बड़ा डेवेलपमेंट हो रहा है। इसी के तहत अब अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने प्रशासनिक निर्णय लेते हुए पांच राजदूतों को वापस ढाका बुला लिया है। इसको लेकर बांग्लादेश सरकार के विदेश मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इन राजदूतो में भारत, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र में मुल्क का प्रतिनिधित्व कर रहे राजदूतों का नाम शामिल है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जब से बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ है, और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को कुर्सी छोड़कर भागना पड़ा है, तब से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा देने के बाद हसीना भारत आ गई थीं, जबकि 8 अगस्त को यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया गया था।
5 राजदूतों को बुलाया है वापस
भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान हैं। इसके अलावा न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि मुहम्मद अब्दुल मुहिथ, बेल्जियम में राजदूत महबूब हसन सालेह, ऑस्ट्रेलिया में उच्चायुक्त एम अल्लामा सिद्दीकी और पुर्तगाल में राजदूत रेजिना अहमद हैं। विदेश मंत्रालय के नोटिफिकेंशन के मुताबिक इन सभी को वापस ढाका बुला लिया गया है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि ये सारे राजनीतिक फेरबदल ब्रिटेन में उच्चायुक्त सईदा मुना तस्नीम को वापस बुलाए जाने के बाद किया गया है। बांग्लादेशी मीडिया ने कुछ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी आदेश से विदेश सेवा से जुड़े अधिकारी बेहद ही नााज हैं।
क्या बोल रहे हैं विदेश विभाग के अधिकारी
वहीं इस मामले में मुल्क के विदेश विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भारत उच्चायुक्त समेत वापस बुलाए गए अन्य राजदूतों की नियुक्ति राजनीतिक तौर पर नहीं की गई। भारत में बांग्लादेश के राजदूत रहमान की बात करें तो वे जुलाई 2022 में भारत में उच्चायुक्त नियुक्त हुए थे। इससे पहले वह जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में बांग्लादेश के स्थाई प्रतिनिधि और स्विट्जरलैंड और सिंगापुर में दूत के रूप में काम कर चुके थे।
भारत में बांग्लागेशी राजदूत रहमान ने विकास सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों पक्षों के बीच बेहतर संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन अब यूनुस सरकार ने उन्हें वापस ढाका बुला लिया है।