Bangladesh News: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की सरकार के फैसलों की वजह से एक तरफ जहां भारत के साथ रिश्तों में खटास आई है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ पड़ोसी मुल्क के रिश्ते मजबूत होते दिखे हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश की इस दोस्ती में एक नया चैप्टर यूनुस सरकार के एक फैसले ने जोड़ा है, जिसमें यह कहा गया है कि पाकिस्तान से आने वाले सामान की बांग्लादेश में फिजिकल चेंकिंग नहीं होगी।

दरअसल, द टेलीग्राफ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें बताया गया है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के प्रशासन ने, हाल ही में पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं के अनिवार्य फिजिकल निरीक्षण के प्रावधान को हटा दिया है। इसके चलते अब पाकिस्तान जो भी चीजें बांग्लादेश मे एक्सपोर्ट करेगा, उसका बांग्लादेश में फिजिकल निरीक्षण नहीं होगा।

आज की ताजा खबर

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ी है करीबियां

मुहम्मद यूनुस की सरकार के इस फैसले के असर की बात करें तो इससे दोनों देशों के बीच सीधे समुद्री संपर्क फिर से शुरू हो गए हैं। बांग्लादेश में राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड ने कहा है कि इस कदम से आयात की खेप की रिहाई में तेजी आएगी। वहीं, यह भारत के लिए सीमा और समंदर दोनों मोर्चों पर सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकती है।

बांग्लादेश में बढ़ सकती अस्थिरता

बांग्लादेश में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच हुए तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के शासनकाल में भी जमकर हिंसा देखने को मिल रही है और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यक समूहों को निशाने पर लिया जा रहा है। मुल्क में इस्लामिक कट्टरता के बीच पाकिस्तान को एक्सपोर्ट में मिली छूट ने कहीं न कहीं पाकिस्तान को मौका दिया है कि वह बांग्लादेश में दखल दे सके।

100 दिन से भारत में कहां रह रही हैं शेख हसीना?

भारत के लिए टेंशन क्यों?

बता दें कि बांग्लादेश में कानून व्यवस्था चुनौतीपूर्ण स्थिति में है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद कट्टरपंथियों का बोलबाला देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं, खबरें यह भी हैं कि कई अपराधी और आतंकी तक या तो जेल से रिहा हुए हैं या फिर भाग गए हैं। यह घटनाक्रम हथियारों की तस्करी की वजह भी है। एक्सपोर्ट में रियायतों के चलते पाकिस्तान से बांग्लादेश में हथियारों की तस्करी बढ़ सकती है।

एक तरफ जहां भारत को पाकिस्तान बॉर्डर पर हमेशा अलर्ट रहना पड़ता है, तो वहीं बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर भी सुरक्षा एजेंसियों की माथापच्ची बढ़ गई है। वहीं, मुहम्मद यूनुस की सरकार के फैसले के चलते दोनों देशों के बीच होने वाला समुद्री व्यापार शुरू होगा, जिसके चलते भारत के लिए समंदर में भी अलर्ट रहना अब ज्यादा जरूरी हो गया है।