Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ गए। इस मुद्दे पर भारत ने अपनी चिंता जाहिर की थी। इसी बीच, अब देश की अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने भारत की चिंताओं पर ही सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हुए हमलों के मुद्दे को काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला बांग्लादेश में सांप्रदायिक से ज्यादा राजनीतिक है।

नोबेल पुरस्कार विजेता ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि अल्पसंख्यकों पर हुए हमले राजनीति का हिस्सा हैं। ऐसी एक धारणा है कि ज्यादातर हिंदू शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सपोर्ट करते हैं। यूनुस ने आगे कहा कि मैंने पीएम मोदी से भी कहा कि इस मुद्दे के काफी सारे आयाम हैं। जब शेख हसीना और अवामी लीग के अत्याचारों के बाद देश उथल-पुथल से गुजर रहा था तो उनके साथ में जो लोग खड़े हुए थे उन पर भी हमले हुए।

हिंदुओं के मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश

यूनुस ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि जो हुआ वही सही हुआ है, लेकिन कुछ लोग इसे संपत्ति जब्त करने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी वजह से अवामी लीग के समर्थकों और हिंदुओं के बीच में कोई भी साफ अंतर नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। यूनुस ने कहा कि भारत को इस तरह के नैरेटिव से बाहर आ जाना चाहिए कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश अफगानिस्तान बन जाएगा।

‘बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को सुरक्षा की क्या जरूरत’, जमात नेता शफीकुर्रहमान सवाल उठाते हुए बोले- मस्जिद पर किसी…

शेख हसीना की टिप्पणी से बांग्लादेश में बैचेनी

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना की भारत से की गई राजनीतिक टिप्पणियां काफी विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि शेख हसीना जो टिप्पणियां कर रही हैं उनसे बांग्लादेश में बैचेनी बनी हुई है। यूनुस ने कहा कि दोनों देशों के बीच में संबंध अब काफी निचले स्तर पर जा पहुंचे हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता ने कहा कि अगर भारत उसे तब तक अपने पास रखना चाहता है, जब तक यहां की सरकार उसे वापस नहीं बुला लेती तो उसके लिए शर्त यह होगी कि उसे बिल्कुल शांत रहना होगा।

शेख हसीना भारत में बैठकर दे रहीं निर्देश- यूनुस

13 अगस्त को हसीना ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध हुआ। यहां पर हत्याओं में जो भी लोग शामिल थे उन सभी को पहचाना जाए और उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए। यूनुस ने कहा कि उन्हें चुप रहना चाहिए। हसीना को वहां पर शरण दी गई है और वे वहां से ही अपने चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं। वह वहां पर लोगों के गुस्से और विरोध की वजह से भाग गई हैं।

बांग्लादेश में सनातन धर्म पर हमला, ISKCON मंदिर फूंका; हिंदुओं को घरों से निकालकर पीटा; भारत की पूरे मामले पर नजर

उन्होंने कहा कि वह भारत में बैठकर बोल रही हैं और वहीं से निर्देश दिए जा रहे हैं। किसी को यह बात पसंद नहीं है। यह हमारे या भारत के लिए भी अच्छा नहीं है। यूनुस ने इस बात पर भी जोर दिया कि हसीना को बांग्लादेश को वापस लाया जाना चाहिए और सबके सामने उन पर केस चलाया जाना चाहिए। यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देता है। नई दिल्ली को भी इस पर आगे बढ़ना चाहिए।

दोनों देशों को संबंधों में सुधार करने की जरूरत- मोहम्मद यूनुस

यूनुस ने कहा कि भारत और बांग्लादेश को अपने संबंधों में सुधार करने की जरूरत है और इसके लिए काफी काम भी करना पड़ेगा। बता दें कि 5 अगस्त को सरकार के खिलाफ चल रहा विरोध-प्रदर्शन काफी तेज हो गया और इसके बाद पूर्व पीएम शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद में भारत भागकर आना पड़ा। करीब चार हफ्ते तक भारत में उनकी मौजूदगी ने बांग्लादेश में अटकलों को हवा दे दी है। इसलिए ऐसे भी आसार हैं कि बांग्लादेश जल्दी ही उनके प्रत्यपर्ण के लिए दबाव बना सकता है।