Bangladesh News: बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस साल की दुर्गा पूजा से पहले भारत को 3,000 टन हिलसा निर्यात करने को मंजूरी दे दी है। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यात की जाने वाली हिलसा की कीमत नहीं बताई गई है। मत्स्य एवं पशुधन सलाहकार फरीदा अख्तर ने बताया कि भारत को इलिश निर्यात करने का फैसला वाणिज्य मंत्रालय ने लिया है।
रविवार को सचिवालय में एक मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि इलिश अभी तक नहीं भेजी गई है। यह सिर्फ एक फैसला है। इसलिए घरेलू बाजार में इलिश की कीमत बढ़ने का कोई कारण नहीं है। फरीदा अख्तर ने कहा कि 3,000 टन निर्यात करने का फैसला किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कोलकाता के व्यापारियों ने वाणिज्य मंत्रालय से संपर्क किया है।
फरीदा अख्तर ने कहा कि मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय का भारत को मछली निर्यात में कोई दखल नहीं है। मेरा रुख वही है कि हमारे देश के लोगों को पहले मछली परोसी जानी चाहिए, उसके बाद ही हमें निर्यात पर विचार करना चाहिए। हालांकि, अगर निर्यात के बाद मछली की कीमत बढ़ती है, तो मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय कार्रवाई करेगा।
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दुर्गा पूजा से पहले भारत को निर्यात होगी हिलसा
बांग्लादेश में हिलसा मछली के निर्यात पर बैन है। हालांकि, शेख हसीना की अवामी लीग सरकार ने हर साल सितंबर-अक्टूबर में (दुर्गा पूजा के समय) भारत को मछली निर्यात करने की इजाजत दी थी। लेकिन अगस्त की शुरुआत में हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद में और मोहम्मद यूनुस की सरकार आने के बाद में इस व्यवस्था को लेकर कुछ शंका थी क्योंकि पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने साफ कहा था कि इस बार दुर्गा पूजा के दौरान हिलसा मछली को नहीं भेजेगी।
हिलसा का ज्यादातर आयात पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल पोर्ट के जरिये सितंबर-अक्तूबर के दौरान 15 दिन के टाइम में होता है। हाल के कुछ सालों में बांग्लादेश से हिलसा आयात में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं म्यामांर से शिपमेंट में बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल भारत ने म्यांमार से 588.97 टन और बांग्लादेश से 573.66 टन हिल्सा आयात की थी। 2022-23 में म्यांमार से 149.23 टन और बांग्लादेश से 1,309.46 टन हिल्सा आयात की गई थी।