बांग्लादेश में शुक्रवार (10 जून) को संदिग्ध मुस्लिम चरमपंथियों ने एक हिंदू आश्रम के एक बुजुर्ग कर्मचारी की हत्या कर दी। मुस्लिम बहुल देश में धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं पर निर्मम हमलों की कड़ी में यह ताजा मामला है और हाल में मारे गए अल्पसंख्यक समुदाय के वह ऐसे चौथे व्यक्ति हैं जिनकी हत्या कर दी गई। पबना के हिमायतपुर उपजिला स्थित ठाकुर अनुकूल चंद्र सत्संग परमतीर्थ हिमायतपुरधाम आश्रम में पिछले 40 साल से स्वयंसेवक के तौर पर कार्यरत नित्यरंजन पांडे (60) की शुक्रवार (10 जून) सुबह हत्या कर दी गई।

पबना के पुलिस अधीक्षक आलमगीर कबीर ने बताया कि पांडे जब अपनी नियमित सैर के लिए निकले थे तभी आश्रम से महज 200 गज की दूरी पर हथियार से लैस हमलावरों ने उनकी गर्दन पर वार कर उनकी हत्या कर दी। कबीर ने आशंका जताई कि ऐसा प्रतीत होता है कि पांडे की हत्या के पीछे उसी संगठन का हाथ है जिसने हाल में धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी विचारधारा के कार्यकर्ताओं तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्या को अंजाम दिया।

पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया कि हत्यारों ने हथियार से उनके सिर और गर्दन पर वार किया और मौके से फरार हो गए। आश्रम की प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने मौके पर मौजूद संवाददाताओं को बताया, ‘वह हमारे आश्रम के सबसे समर्पित कार्यकर्ता थे… वह यहां पिछले तीन दशक से रह रहे थे और हमारी समझ से यहां रहने के दौरान उनकी किसी के साथ निजी दुश्मनी नहीं हुई।’

इस आश्रम का नाम प्रमुख हिंदू संत के नाम पर पड़ा था, जहां समूचे बांग्लादेश और भारत से बड़ी संख्या में हिंदू श्रद्धालु आते हैं। एक हिंदू पुजारी, एक ईसाई दुकानदार और आतंकवाद विरोधी एक पुलिस अधिकारी की पत्नी की हत्या के एक सप्ताह के अंदर पांडे की हत्या को अंजाम दिया गया। अब तक किसी ने इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। बहरहाल, भारतीय प्रायद्वीप में आईएसआईएस और अलकायदा ने कुछ हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार ने बांग्लादेश में उनकी मौजूदगी से इनकार किया है।

इस ताजा हमले के कुछ ही घंटे पहले पुलिस ने सप्ताह भर चलने वाले देशव्यापी आतंकवाद विरोधी अभियान को शुरू करने की घोषणा की थी और इसमें अपराध-विरोधी रैपिड एक्शन बटालियन एवं अर्द्धसैनिक बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को विशेष तौर पर शामिल करने की घोषणा की थी।

टीवी रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से 47 झिनाइदह से थे, जहां रविवार को पुजारी सुनील गांगुली की हत्या की गई थी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक दिन पहले देशव्यापी आतंकवाद विरोधी सुरक्षा की मुहिम में तेजी लाने का वादा किया था, जिसके बाद सुरक्षा मुहिम को शुरू किया गया।

शेख हसीना ने संसद में कहा, ‘अगर वे (आतंकवादी) सोचते हैं कि वे बांग्लादेश में अव्यवस्था फैला देंगे… तो वे गलत हैं। बांग्लादेश की इसी भूमि पर उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके आकाओं को भी बख्शा नहीं जाएगा।’ फरवरी में आतंकवादियों ने बांग्लादेश में स्थित एक मंदिर के अन्य हिंदू पुजारी की चाकू मारकर हत्या कर दी थी और उसकी मदद के लिए आए एक श्रद्धालु को गोली मारकर घायल कर दिया था।