बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां की नई अंतरिम सरकार ने अलग-अलग देशों में नियुक्त राजदूतों के बदलाव शुरू कर दिए हैं। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही अंतरिम सरकार ने 6 देशों में अपने राजदूतों को वापस लौटने का आदेश जारी किया है। जानकारी के अनुसार ये सभी राजदूत शेख हसीना की सरकार में नियुक्त हुए थे। इसके साथ ही हिंदू काउंसलरों को भी वापस लौटने का नोटिस जारी हुआ है।
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने विदेशों में नियुक्त राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार ये सभी कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर नियुक्त राजदूतों हैं। जो अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, जापान, जर्मनी, मालदीप और यूएई में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनको तुरंत प्रभाव से वापस आने का आदेश दिया गया है। वॉशिंगटन में मोहम्मद इमरान, मॉस्को में कमरुल हसन, रियाध में जावेद पटवारी, बर्लिन में मुशर्रफ हुसैन, टोक्यो में शहाबुद्दीन अहमद, माले में रियर एडमिरल एसएम अबुल कलाम आजाद और अबू धाबी में अबू जफर राजदूत के तौर पर तैनात हैं।
कनाडा से हिंदू काउंसलर बुलाए गए
कामरुल अहसान 5 जनवरी 2020 से मास्को में नियुक्त हैं। जबकि मोहम्मद पटवारी सऊदी में अगस्त 2020 में नियुक्त किए गए थे। जर्मनी में मुशर्रफ की नियुक्ति 2 अक्टूबर 2020 को की गई थी। मुशर्रफ को चेक रिपब्लिक, कोसोवो और इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल फॉर लॉ ऑफ सी का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। वहीं कनाडा की राजधानी ओटावा में नियुक्त काउंसलर अपर्णा रानी पाल और काउंसलर मोबाशविरा फरजान मिथिला को भी वापस बुलाने के लिए बांग्लादेश सरकार ने नोटिस भेज दिया है।
तख्तापटल के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों पहले बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देते हुए बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण ली थी। बांग्लादेश में छात्रों के भारी विरोध के बाद ऐसी स्थिति हुई। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। जिसकी अगुवाई मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं। जबकि जेल में बंद खालिदा जिया को रिहा कर दिया गया है। तख्तापलट के बाद से ही पूरे बांग्लादेश में हिंसा भड़की है। हिंसा में बहुत से लोगों की मौत हुई है।