म्यांमार के दो नागरिकों समेत कुल तीन लोगों को 70 वर्षीय बौद्ध भिक्षु की निर्मम हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस भिक्षु की हत्या एक सुदूर मठ में कर दी गई थी। यह जानकारी पुलिस ने दी है। यह हमला मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यकों पर हुआ हालिया हमला है। नईख्योंगछारी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अबुल खायेर ने कहा कि दो रोहिंग्या लोगों- अब्दुर रहीम (25) और मोहम्मद जिया (56) के अलावा सा मोंग चाक (35) को रविवार (15 मई) सुबह विभिन्न इलाकों में स्थित उनके घरों से उठा लिया गया।

इन गिरफ्तारियों से महज एक दिन पहले शनिवार (14 मई) को ही बंदरबन पहाड़ी जिले के सुदूर नईख्योंगछारी स्थित मठ के प्रमुख मावंग शोई वू मृत अवस्था में मिले थे। उनका गला रेता हुआ था, जो पिछले कुछ समय में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा देश में की गई बुद्धिजीवियों और अल्पसंख्यकों की हत्या का विशेष निशान है। मावंग पास के गांव अपर चाक पारा गांव से 230 मीटर दूर स्थित मठ चक निर्वाण बुद्ध क्यांग में अकेले रहते थे। उनके परिवार ने शनिवार (14 मई) को हत्या का मामला दर्ज कराया।

डेली स्टार ने खायेर के हवाले से कहा कि गुरुवार (12 मई) को मठ के पास दो रोहिंग्या व्यक्तियों को घूमते हुए देखा गया था। इसके बाद भिक्षु ने अपने बेटे को दो अज्ञात लोगों के बारे में बताया और कहा कि वह तब से ही असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।उन्होंने अपने बेटे को यह भी कहा था ‘मेरे साथ कुछ अप्रत्याशित होगा और तुम्हें चौकन्ना रहना चाहिए।’

आज की गिरफ्तारियों के साथ-साथ देश की पहली समलैंगिक पत्रिका के संपादक और उनके दोस्त की हत्या के मामले में भी एक संदिग्ध इस्लामी आतंकी की गिरफ्तारी की गई है। संपादक और उनके मित्र की हत्या 25 अप्रैल को की गई थी। बांग्लादेश में हाल के सप्ताहों में व्यवस्थागत ढंग से विशेषतौर पर अल्पसंख्यकों, सेकुलर ब्लॉगरों बुद्धिजीवियों और विदेशियों को निशाना बनाकर उनकी हत्या की गई है।

बौद्ध भिक्षु की हत्या से ठीक एक सप्ताह पहले ऐसे ही एक हमले में 65 वर्षीय मुस्लिम सूफी धर्मोपदेशक की हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या उत्तरपश्चिमी राजशाही शहर में धारदार हथियारों से लैस होकर आए हमलावरों ने की थी। पिछले माह छुरे लेकर आए आईएसआईएस आतंकियों ने एक उदारवादी प्रोफेसर की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने प्रोफेसर के राजशाही शहर स्थित घर के पास उनका गला रेत दिया था। इसके महज दो दिन बाद समलैंगिक पत्रिका के संपादक की उनके दोस्त के साथ निर्मम हत्या कर दी गई थी।

बीते 30 अप्रैल को, धारदार हथियारों से लैस आईएसआईएस आतंकियों ने एक हिंदू दर्जी की उसकी दुकान में ही हत्या कर दी थी। भारतीय प्रायद्वीप में आईएसआईएस और अलकायदा ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है लेकिन सरकार बांग्लादेश में उनकी मौजूदगी की बात से इंकार करती है।