Bangladesh History Changed in Books: बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते काफी समय से तल्ख चल रहे हैं, हालात ऐसे बन चुके हैं कि अब वहां पर बच्चों को बदला हुआ इतिहास पढ़ाया जा रहा है। कई ऐसी किताबें सामने आई हैं जहां पर अब भारत की भूमिका को कम कर दिखाया जा रहा है, तब की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी कई तस्वीरें गायब चल रही हैं। अब देखा यह जा रहा है कि शेख हसीना से जुड़े हर शख्स को बांग्लादेश के इतिहास से दूर करने की तैयारी है।

बांग्लादेश की किताबों में क्या बदलाव?

कुल चार बड़े बदलाव बांग्लादेश की नई किताबों में देखने को मिलने वाले हैं। पहला बदलाव यह रहेगा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की हर तस्वीर और उनसे जुड़े किसी भी टैक्स्ट को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। दूसरा बदलाव यह रहेगा कि शेख मुजीबुर रहमान की भूमिका बिल्कुल खत्म कर दिया जाएगा। तीसरा बदलाव यह रहेगा कि इंदिरा और मुजीबर की साथ वाली तस्वीरों को किताब में जगह नहीं मिलेगी। एक बदलाव यह भी रहेगा कि अब किताबों के बैक कवर में हसीना का संदेश देखने को नहीं मिलेगा।

इंडियन एक्सप्रेस के पास क्या जानकारी?

National Curriculum and Textbook Board (NCTB) की तरफ से ये सारे बदलाव किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के शिक्षा मंत्रालय ने 57 एक्सपर्ट्स की एक टीम बनाई थी, उसी ने 441 किताबों में ये सारे बदलाव करवाए हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने इन बदलावों को लेकर NCTB के चेयरमेन A K M Reazul Hassan से बात की तो उन्होंने जोर देकर कहा कि 2012 के करिकुलम के मुताबिक बदलाव किए गए हैं।

भारत की भूमिका को कम करने वाले आरोप पर हसन ने कहा है कि मुझे जितना याद आता है कि किताबों के बैक कवर पर मुजीबुर और इंदिरा गांधी की तस्वीर हुआ करती थी। लेकिन अब क्योंकि सभी पुरानी किताबों को निरस्त कर दिया गया है, ऐसे में वो तस्वीर अब नहीं दिखेगी। लेकिन आजादी में भारत की क्या भूमिका रही है, उस पर चैप्टर किताबों में है।

किताबों से बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज गायब?

वैसे कुछ और बड़े बदलाव भी बांग्लादेश की किताबों में देखने को मिलेंगे। उदाहरण के लिए पहले बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज और नेशनल सॉन्ग किताबों के पहले पन्ने पर रखा जाता था, लेकिन अब उन्हें बिल्कुल पीछे धकेल दिया गया है। लॉजिक दिया जा रहा है कि किताबों में राष्ट्रीय ध्वज की कोई जरूरत नहीं है, ऐसी तस्वीरें होनी चाहिए जिससे बच्चे आकर्षित हों।

A K M Reazul Hassan के मुताबिक एक और बदलाव बांग्लादेश की किताबों में देखने को मिलेगा। वे कहते हैं कि पहले किताबें बताती हैं कि भारत ने सबसे पहले बांग्लादेश को एक आजाद मुल्क के रूप में पहचान दी थी, लेकिन असल में ऐसा भूटान ने किया था। यह अलग बात है कि अभी भी इस तथ्य की और विस्तृत जांच की जा रही है। वैसे बांग्लादेश की किताबों में एक बदलाव यह भी रहेगा कि अब उन लोगों की जीवनी पढ़ाई जाएगी जो शेख हसीना की पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते।

बांग्लादेश पढ़ेगा इन लोगों की कहानी

असल में ऐसा कहा जा रहा है कि अभी तक बांग्लादेश की आजादी में सिर्फ हसीना के परिवार के लोगों को तवज्जो दी गई जबकि कई दूसरे लोगों का भी योगदान रहा। उदाहरण के लिए बांग्लादेश की किताबों में अब Huseyn Suhrawardy, Abul Kasem Fazlul, Khaleda Zia जैसे नेताओं को जगह दी जाएगी। इसके ऊपर बांग्लादेश की किताबों में शेख हसीना के एग्जिट की कहानी भी बताई जाएगी, कैसे उन्हें सत्ता से हटाया जाएगा, इस बारे में विस्तृत जानकारी रहेगी। वैसे इन बदलावों के बीच बांग्लादेश को लेकर एक और खबर है, तख्तापलट की अटकलें लगने लगी हैं, क्यों लग रही है, लॉजिक क्या है, जानने के लिए यहां पढ़ें पूरी खबर

 Ravik Bhattacharya की रिपोर्ट