Bangladesh Army Coup: बांग्लादेश की सेना के एक सीनियर अफसर पर आरोप लगा है कि वह तख्तापलट करने की साजिश रच रहे थे। इस आर्मी अफसर का नाम लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान है। सेना में तख्तापलट की साजिश का पता चलने पर बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकर-उज-जमान ने इस अफसर के खिलाफ निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। रहमान पर आरोप है कि वह पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के करीबी हैं।
बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकर-उज-जमान को पता चला है कि क्वार्टर मास्टर जनरल (क्यूएमजी) लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान उनकी जगह पर किसी और को लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद ही
बताना होगा कि बीते साल 5 अगस्त को बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के हटने के बाद से ही लगातार राजनीतिक अस्थिरता का माहौल देखने को मिल रहा है। इसके अलावा अल्पसंख्यकों पर हुए हमले की वजह से भी इस पड़ोसी मुल्क में हालात ठीक नहीं हैं।
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जमात-ए-इस्लामी के समर्थक हैं रहमान
लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान को जमात-ए-इस्लामी का समर्थक माना जाता है। हाल ही में बांग्लादेश के आर्मी चीफ के सचिवालय को इस बात की जानकारी मिली थी कि लेफ्टिनेंट जनरल रहमान सेना प्रमुख की जानकारी के बिना ही बैठक बुला रहे हैं।
इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि लेफ्टिनेंट जनरल रहमान ने डिविजनल कमांडरों के साथ मार्च के पहले हफ्ते में बैठक की थी और इसका मकसद बांग्लादेश में आर्मी चीफ के खिलाफ समर्थन जुटाने का था लेकिन वह अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो सके क्योंकि कई सीनियर अफसरों ने बैठक से किनारा कर लिया।
इंडिया टुडे के मुताबिक, 2025 के पहले दो महीनों में लेफ्टिनेंट जनरल रहमान ने जमात-ए-इस्लामी के नेताओं और पाकिस्तान के डिप्लोमेट्स के साथ कई बार बैठक की और तब इसकी जानकारी बांग्लादेश के आर्मी चीफ को मिली थी और उन्होंने तब भी जनरल रहमान पर निगरानी बढ़ा दी थी।
अब बांग्लादेश की मिलिट्री इंटेलिजेंस एजेंसी DGFI लेफ्टिनेंट जनरल रहमान की निगरानी कर रही हैं। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हालात तनावपूर्ण हैं और देश में कोई बड़ा घटनाक्रम हो सकता है।
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10 GOC के नाम आए सामने
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की सेना के कई अफसर इस साजिश में शामिल हो सकते हैं और अब तक 10 जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग (GOC) के नाम सामने आए हैं। इस साल जनवरी में इकनॉमिक टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी कि लेफ्टिनेंट जनरल रहमान सेना की कमान अपने हाथ में लेने की साजिश रच रहे हैं। तब उन्होंने ढाका में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस के प्रमुख और उनके डेलिगेशन के साथ बातचीत की थी।
बांग्लादेश चूंकि भारत का पड़ोसी मुल्क है ऐसे में वहां होने वाले तमाम अहम घटनाक्रमों पर भारत की भी पैनी नजर बनी हुई है।
सूफी दरगाहों पर हो रहा हमला
शेख हसीना की सरकार के जाने के बाद से ही बांग्लादेश में लगातार उथल-पुथल का दौर चल रहा है। मुल्क में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और इसमें न सिर्फ धार्मिक अल्पसंख्यकों को बल्कि सूफी इस्लाम को मानने वालों की दरगाहों पर भी हमला किया गया है। बांग्लादेश की मीडिया से आई खबरों के मुताबिक, दरगाहों पर हुए हमलों में जमात-ए-इस्लामी जैसे कई राजनीतिक दल शामिल हैं।
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