पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बेहद मुश्किल समय चल रहा है। हाल ही में उनके साथ गोलीबारी जैसी बड़ी घटना हुई। इसके बाद पाकिस्तान टेलीविजन पर उनके सभी भाषणों और प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पूरी तरह से बैन लगाने का निर्देश दिया गया। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) के इस आदेश को वापस ले लिया गया।

PERMA की ओर से आदेश जारी होने के कुछ समय बाद ही शहबाज शरीफ सरकार ने अनुच्छेद 5 को लागू किया और तुरंत प्रतिबंध हटाने का निर्देश दिया। इससे पहले पाक टीवी चैनल के जियो न्यूज ने बताया कि सभी टीवी चैनलों को इमरान के भाषणों और प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण या पुन: प्रसारण नहीं करने का फरमान जारी किया गया है।

इससे पहले अथॉरिटी ने कारण दिया था कि पूर्व पीएम के भाषण को प्रसारित करना लॉ एंड ऑर्डर को बिगाड़ना है। पाकिस्तान की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने यह भी कहा कि वे लोगों में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें एक रैली के दौरान गोली लगी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। दरअसल, वह इन दिनों पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ हकीकी आजादी मार्च निकाल रहे हैं और लगातार देश में फिर से आम चुनावों की मांग कर रहे हैं। इसी दौरान वह एक रैली कर रहे थे, जब उनको गोली लगी। उनके पैर में चार गोलियां लगी थीं।

इस घटना को लेकर वह अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर और हमलावर हो गए हैं और उन पर इस हमले की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पीएम शहबाज, गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या की कोशिश के पीछे थे और बंद कमरे में उनकी हत्या की साजिश रची गई।

वहीं, पाकिस्तान सरकार ने इमरान खान पर हुए इस हमले की बात को झूठा बताया है। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया कि इमरान को चार गोलियां नहीं लगी थीं और उनके चोटिल होने की खबरें भी झूठी हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, सनाउल्लाह ने कहा कि पीटीआई के लॉन्ग मार्च पर हुए हमले की पुलिस जांच से पता चला है कि संदिग्ध नवीद नशे का आदी है और घटना के संबंध में उसके बयान संदिग्ध हैं।