पाकिस्तान के खिलाफ बलूच आंदोलन की अगुआई करने वाले निर्वासित बलूच नेता ब्रहामदाग बुगती ने कहा कि वे इस सप्ताह भारत में शरण के लिए आवेदन करेंगे। बुगती ने साथ ही कहा कि बलूचिस्तान से कई अन्य नेता इसका अनुसरण कर सकते हैं। बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के नेता बुगती ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बलूचिस्तान के लोगों पर अत्याचारों के लिए आइएसआइ के शीर्ष अधिकारियों के अलावा पूर्व और वर्तमान पाकिस्तानी सेना प्रमुखों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाएगी जिसमें परवेज मुशर्रफ, अश्फाक परवेज कयानी और राहील शरीफ शामिल हैं। बीआरपी की केंद्रीय कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए बुगती ने कहा कि उनकी पार्टी चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में एक मामला दायर करने के लिए भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से मदद मांगेगी क्योंकि चीन पाकिस्तान के साथ बलूच लोगों के खिलाफ हिंसा में शामिल है। दस साल पहले पाकिस्तानी बलों ने नवाब अकबर खान बुगती की हत्या कर दी थी।

ब्रहामदाग बुगती ने कहा, ‘हमने भारत सरकार के समक्ष जल्द ही शरण दस्तावेज दायर करने का फैसला किया है। हम आवेदन की कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे।’ बुगती फिलहाल स्विट्जरलैंड में निर्वासन में रह रहे हैं।  बीआरपी नेता बुगती ने भारत से अपील की कि वह एक नीति पहल के साथ आए ताकि बलूचिस्तान में अत्याचारों का सामना कर रहे लोग आकर भारत में सुरक्षित महसूस कर सकें। उन्होंने कहा कि कई और बलूच नेता भारत में शरण मांग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि किसको (भारत में) शरण चाहिए।’बुगती ने कहा कि बलूच रिपब्लिकन पार्टी ने पाकिस्तान के उन सभी सेवानिवत्त और वर्तमान जनरल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में मामला दायर करने का फैसला किया है जो पिछले 12 सालों से बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों में शामिल थे।

उन्होंने कहा, ‘बीआरपी के लंदन, जर्मनी, फ्रांस, नार्वे, स्वीडन और स्विट्जरलैंड चैप्टर हमारे लोगों के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघनों में शामिल पाकिस्तान के सभी वर्तमान और पूर्व सेनाध्यक्षों और आइएसआइ के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अलग अलग मामले दायर करेंगे।’ उन्होंने कहा कि मामले पूर्व सेना प्रमुखों मुशर्रफ, कयानी और वर्तमान प्रमुख शरीफ के खिलाफ दायर किए जाएंगे। बुगती ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान और बांग्लादेश पाकिस्तानी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं और चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में जाने के लिए इन देशों की मदद मांगी जाएगी। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में बलूचिस्तान की स्थिति का मुद्दा उठाने के लिए बुगती ने उनकी तारीफ की थी।