पाकिस्तानी आर्मी की ओर से किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट के तहत संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क हेडक्वार्टर के सामने आज प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान में किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाई।प्रदर्शनकारियों ने प्लेकार्ड्स के साथ विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि कोई भी देश बलूचिस्तान के मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र में आवाज क्यों नहीं उठाता है। पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ केवल बलूच लोग आवाज उठा रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे लोग कुछ इस प्रकार के नारे लगा रहे थे, ‘भारत बलूचिस्तान की मदद करो’ ‘बलूचिस्तान की आजादी’, ‘बलूच लोगों का जनसंहार बंद करो’, ‘संरा, संरा कहां हो तुम’, ‘पाकिस्तान को धन देना बंद करो’, ‘बलूचिस्तान दूसरा बांग्लादेश है’ और ‘बलूचिस्तान को तोड़ना बंद करो’। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी बलों पर पिछले कुछ साल में लगभग 5000 लोगों को मारने और लगभग 20,000 लोगों को जबरन लापता करने का आरोप लगाया।
एफबीएम ने एक बयान में कहा कि इन प्रदर्शनों का उद्देश्य ‘‘अवैध धंधों और बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार द्वारा मानवता के खिलाफ अंजाम दिए जाने वाले अपराधों’’ को रेखांकित करना और बलूच राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष के बारे में जागरूकता फैलाना है।
एफबीएम ने कहा, ‘‘यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह अपने चार्टर के उल्लंघन और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा की जा रही क्रूरता का संज्ञान ले।’
संगठन ने कहा कि पाकिस्तान ने 1948 में जब से बलूचिस्तान पर कब्जा किया है, वह मानवाधिकारों के भारी उल्लंघन करता रहा है और निर्दोष बलूच लोगों को मारता रहा है। ‘‘पाकिस्तानी सरकार ने निशाना बनाकर हत्याएं करके, अंधाधुंध बमबारी करके और जबरन लापता करवाकर बलूच लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है।’
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ये प्रदर्शन एक ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब महज एक सप्ताह बाद ही विभिन्न देशों और सरकारों के प्रमुख वैश्विक संस्था के मुख्यालय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र के दौरान उच्च स्तरीय आम बहस के लिए जुटने वाले हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 21 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। इसके पांच दिन बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगी।
अमेरिका ने कहा है कि वह बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन नहीं करता और पाकिस्तान की एकजुटता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है। भारत के 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित और बलूचिस्तान की स्थिति के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि वहां के लोग उन्हें उनके मुद्दे उठाने के लिए धन्यवाद देते हैं।