बहरीन ने सोमवार को कहा कि यह अपने सहयोगी देश सऊदी अरब के नक्शे कदम पर चलते हुए ईरान के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ रहा है। दरअसल, एक शिया धर्मगुरु को मौत की सजा दिए जाने पर इन देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। सरकारी समाचार एजंसी बीएनए ने ट्विटर पर बताया, ‘मनामा ने अपने वहां से तेहरान के राजनयिकों से 48 घंटों के अंदर चले जाने को कहा है।’
एक बयान में बताया गया है कि ईरान में सऊदी दूतावासों पर हुए कायरतापूर्ण हमलों और तेहरान द्वारा खाड़ी और अरब देशों के अंदरुनी मामलों में बढ़ते गंभीर और खतरनाक हस्तक्षेप के चलते यह फैसला किया गया है। मनामा ने कहा है कि सऊदी दूतावासों पर हुआ हमला जातीय नीतियों की एक बहुत खतरनाक पद्धति को दर्शाता है जिनका मुकाबला किया जाना चाहिए ताकि समूचे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
बीएनए के बयान के मुताबिक बहरीनी विदेश मंत्रालय ने ईरान के चार्ज डी अफेयर्स मुर्तदा सनावबारी को तलब किया और इस सिलसिले में एक आधिकारिक नोट सौंपा। सऊदी अरब ने रविवार को कहा कि तेहरान में अपने दूतावास को कुद्ध भीड़ द्वारा आग लगाए जाने और मशहाद में उसके वाणिज्य दूतावास पर हमला किए जाने के बाद वह ईरान के साथ अपने संबंध तोड़ रहा है। इस बीच, मास्को से मिली खबर के मुताबिक सऊदी अरब और ईरान के बीच विवाद के हल के लिए रूस मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है। रूस के विदेश मंत्रालय में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि रूस इन दोनों देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने को तैयार है।
एक और अनाम रूसी राजनयकि सूत्र के हवाले से समाचार समिति तास ने कहा कि सऊदी और ईरान के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी के लिए मास्को तैयार है।