कट्टर इस्लाम के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में आवाज़ उठाने वाले इमाम मोहम्मद ताहिदी एक बार अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। ताहिदी ने बीते 8 जून को अपना वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो में उन्होंने इस्लाम धर्म की कई धार्मिक पुस्तकों के हवाले से अपना बयान दिया था। ताहिदी के मुताबिक,”इस्लामिक आतंकवाद की जड़ें हमारी धार्मिक किताबों से शुरू होती हैं। इसी के कारण हमारे युवा आतंकवादी बन जाते हैं।” इमाम ताहिदी के इस बयान को बॉलीवुड अभिनेत्री कोयना मित्रा ने रीट्वीट किया है। कोयना मित्रा ने लिखा,”कृपया भारत की यात्रा कीजिए। हमारे देश को आप जैसे शिक्षकों की जरूरत है।” इससे पहले भी इमाम ताहिदी के बयान भारत में खासी चर्चा बटोरते रहे हैं। बल्कि इमाम ताहिदी ने भी ट्विटर पर उन्होंने भारत आने की इच्छा जताई थी। 25 दिसंबर 2017 को किए अपने ट्वीट में ताहिदी ने इस बारे में जिक्र किया था।
Please visit India sometime, we need teachers like you. https://t.co/u4D82o7cFc
— Koena Mitra (@koenamitra) June 12, 2018
सोमवार को उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि क्या भारत में लोग मुझे जानते हैं, अगर हां तो ये ट्वीट 10 हज़ार की संख्या पार कर जाएगा। इसके बाद ताहिदी ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अगर मैं भारत आया तो वहां के कट्टरवादी मुल्लाओं को इमरजेंसी छुट्टी लेकर मक्का जाना पड़ेगा। ताहिदी ने कहा है कि वह जनवरी 2018 में भारत का दौरा करेंगे। आपको बता दें कि ताहिदी के पहले ट्वीट को करीब 16,000 से ज्यादा रिट्वीट मिले। उनके ट्वीट पर कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
Watch me expose the sacred scriptures I was taught as a child. This is the main root of Islamic terrorism: pic.twitter.com/KrUhVLrvU4
— Imam Tawhidi (@Imamofpeace) June 8, 2018
बता दें कि इमाम ताहिदी का एक फाउंडेशन है, वह इस्लाम पर प्रवचन देने के लिए दुनिया भर में भ्रमण करते हैं। उनके बयान कई मुस्लिम धर्मगुरुओं को रास नहीं आते हैं, जिसके कारण व आलोचना का शिकार होते रहते हैं। कि अभी कुछ समय पहले ही मेलबर्न में उनपर हमला हुआ था। दो मुस्लिम युवकों ने उनकी कार पर हमला किया था और उनपर लात-घूसों की बरसात कर दी थी। जिसके बाद ताहिदी ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया धार्मिक कट्टरवादियों के लिए स्वर्ग बन रहा है। इससे पहले भी ताहिदी ने मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने की आलोचना की थी। कई मंचों पर उन्हें शरिया कानून अपनाने वाले मुस्लिम देशों की आलोचना करते हुए भी देखा गया है।