अरब सागर में जा रहे माल्टा का झंडा लगे जहाज एमवी रुएन (MV Ruen) के अपहरण की कोशिश को नाकाम करने के लिए भारतीय नौसेना ने तत्काल जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। नौसेना की ओर से शनिवार को बताया गया कि माल्टा के जहाज में चालक दल के 18 सदस्य सवार थे। यह एक वाणिज्यिक मतला जहाज (Commercial Matla Ship) था, जिसके अपहरण की कोशिश की कोशिश की जा रही थी।
छह अज्ञात लोगों ने 14 दिसंबर को किया था हमला
14 दिसंबर को छह अज्ञात कर्मियों ने एक गश्ती युद्धपोत और विमान तैनात करके हमला किया था। इसके बाद माल्टा-ध्वज लगा हुआ जहाज एमवी रुएन (MV Ruen) ने शुक्रवार को यूकेएमटीओ (UKMTO) पोर्टल पर संकट में होने का एक रेडियो संदेश भेजा, जिसके बाद क्षेत्र में निगरानी कर रहे भारतीय नौसेना के समुद्री गश्ती विमान और अदन की खाड़ी में तैनात समुद्री डकैती रोधी युद्धपोत (anti-piracy patrol warship) तुरंत एमवी रुएन का पता लगाने और उसकी सहायता करने के लिए रवाना हो गए।
भारतीय युद्धपोत और एजेंसियां लगातार निगरानी कर रही हैं
अधिकारियों ने कहा कि अपहरण के प्रयास की सूचना गुरुवार को दी गई और भारतीय नौसेना ने शुक्रवार तड़के घटना क्षेत्र में अपने मिशन प्लेटफॉर्म भेजे। नौसेना ने कहा कि उसके विमान ने अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और वह लगातार जहाज की गतिविधियों पर नजर रख रही है, जो अब सोमालिया के तट की ओर बढ़ रहा है। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने 16 दिसंबर की सुबह एमवी रुएन को रोक लिया। क्षेत्र में दूसरी एजेंसियों, एमएनएफ के साथ समन्वय में समग्र स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
भारतीय नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा, “वहां की गतिविधियों पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय नौसेना ने अपने नौसैनिक समुद्री गश्ती विमान को क्षेत्र में निगरानी करने और अपने युद्धपोत को एमवी रुएन का पता लगाने और सहायता करने के लिए अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती विरोधी गश्त पर भेज दिया।” उन्होंने कहा, “विमान ने 15 दिसंबर की सुबह अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और विमान लगातार जहाज की गतिविधियों पर नजर रख रहा है, जो अब सोमालिया के तट की ओर बढ़ रहा है।”
बयान में कहा गया है, “भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में प्रतिक्रियाकर्ता देने वाला पहला देश है। वह अंतरराष्ट्रीय भागीदारों और मित्र विदेशी देशों के साथ व्यापारी शिपिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
