एशिया के दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से निवेश आकर्षित करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनकी जापान यात्रा का लक्ष्य निवेशकों के साथ भारत की वृद्धि की संभावना के बारे में चर्चा करना है ताकि उन्हें बुनियादी ढांचा समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रेरित किया जा सके। छह दिन की यात्रा पर यहां आए जेटली ने कहा, ‘भारत में एक हजार से अधिक जापानी कंपनियों ने पहले से ही निवेश किया हुआ है। जापान के प्रधानमंत्री (शिंजो) अबे इसे दोगुना करना चाहते हैं, इसलिए मैं निवेशकों से व्यक्तिगत तौर पर और बड़े समूहों में भी मिलूंगा।’

निवेशकों के अलावा मंत्री अबे और जापान सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारियों से मिलेंगे। उन्होंने कहा, ‘इसका (यात्रा) लक्ष्य है भारत की संभावनाओं पर उनके साथ चर्चा करना है।’ उन्होंने सोमवार को यहां ‘एशिया का भविष्य’ सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने हालांकि इस सम्मेलन को संबोधित नहीं किया।

जेटली ने कहा कि निवेशक और कंपनियां भारतीय बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि में भागीदारी की इच्छुक है। साफ्टबैंक समूह सौर ऊर्जा में सबसे बड़े निवेशों में से एक पर विचार कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘उन्होंने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने स्थान की पहचान कर ली है और शायद उन क्षेत्रों यह सबसे बड़े निवेशों में से एक होगा।’जेटली ने रविवार को यहां साफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन से मुलाकात की। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसी तरह कुछ अन्य जापानी निवेशक हैं जो व्यक्तिगत परियोजनाएं हासिल करने के पक्ष में हैं।’उन्होंने कहा, ‘हम उनके लिए भारतीय बुनियादी ढांचा निवेश (एनआइआइएफ) से जुड़ने के विकल्प खुला रखा है और इस भारतीय लचीलेपन से उन्हें एक से अधिक मौके मिलेंगे।’

एनआइआइएफ की स्थापना 40,000 करोड़ रुपए की मूल राशि के साथ की गई जिसमें आंशिक वित्तपोषण निजी निवेशकों ने किया है। इस का उद्देश्य है बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषण प्रदान करना जिनमें अटकी हुई परियोजनाएं शामिल हैं।सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की इसमें 49 फीसद हिस्सेदारी जबकि शेष हिस्सेदारी की पेशकश बहुपक्षीय विकास बैंक, सावरेन वेल्थ फंड, पेंशन फंड और अन्य संगठनों को की गई है। एनआइआइएफ फिर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और बिजली वित्त निगम (पीएफसी) जैसे मौजूदा बुनियादी ढांचा रिणदाताओं में हिस्सेदारी खरीदेगी और वे चुनिंदा परियोजनाओं के लिए ऋण मुहैया कराएंगे।