पाकिस्तान में सियासी नेताओं का सरकार और सेना के साथ संघर्ष हमेशा से होता रहा है। जिस किसी ने भी सरकार और सेना से झगड़ा मोल लिया उसे या तो जेल में डाल दिया गया या फिर सजाए मौत दे दी गई। पाकिस्तान में किसी भी दल की सरकार हो, सरकार और सेना की खिलाफत करना कबूल नहीं है। चाहे वह कितना भी बड़ा नेता और उसकी सियासी हैसियत हो, वह सत्ता में हो या बाहर, उसे सेना के खिलाफ जाने की कीमत चुकानी ही पड़ती है। मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले अब तक देश के कई पूर्व प्रधानमंत्री जेल जा चुके हैं।

हुसैन शहीद सुहरावर्दी

पाकिस्तान में सितंबर 1956-अक्टूबर 1957 तक देश के पांचवें प्रधानमंत्री रहे हुसैन शहीद सुहरावर्दी ने जनरल अयूब खान की सरकार की जब्ती का समर्थन करने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें राजनीति से प्रतिबंधित कर दिया गया था। बाद में जनवरी 1962 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और मनगढ़ंत आरोपों पर मुकदमा चलाए बिना कराची की सेंट्रल जेल में एकान्त कारावास में डाल दिया गया।

जुल्फिकार अली भुट्टो

सितंबर 1977: अगस्त 1973 से जुलाई 1977 तक देश के प्रधान मंत्री रहे जुल्फिकार अली भुट्टो को सितंबर 1977 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ख्वाजा मोहम्मद अहमद समदानी ने रिहा कर दिया, लेकिन तीन दिन बाद मार्शल लॉ रेगुलेशन 12 के तहत उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। भुट्टो को अंततः मौत की सजा सुनाई गई और 4 अप्रैल, 1979 को उन्हें फांसी दे दी गई।

बेनजीर भुट्टो

अगस्त 1985: दिसंबर 1988 से अगस्त 1990 और अक्टूबर 1993 से नवंबर 1996 तक पाकिस्तान की प्रधानमंत्री रहीं बेनजीर भुट्टो को जियाउल हक ने 90 दिनों के लिए नजरबंद कर दिया था। अप्रैल 1999 में उन्हें सीमा शुल्क धोखाधड़ी से लड़ने के लिए काम पर रखी गई एक स्विस कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई गई और सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया गया। नवंबर 2007 में जनरल मुशर्रफ सरकार के खिलाफ मार्च का नेतृत्व करने नजरबंद कर दिया गया था।

नवाज शरीफ

सितंबर 2007: 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा निर्वासित किए जाने के बाद नवाज शरीफ पाकिस्तान लौटे तो इस्लामाबाद हवाई अड्डे को सील कर दिया गया और कुछ घंटों के भीतर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें जेद्दा सऊदी अरब भेज दिया गया, ताकि उनके 10 वर्ष के निर्वासन के तीन शेष साल पूरा किया जा सके। दिसंबर 2018: सऊदी अरब में स्टील मिलों के अपने परिवार के स्वामित्व के संबंध में शरीफ को फिर से जेल हुई और सात साल की सजा दी गई। नवंबर 2019 में, उन्हें इलाज के लिए देश छोड़ने की अनुमति दी गई थी। उसके बाद से वह पाकिस्तान नहीं लौटे हैं।

शाहिद खाकान अब्बासी

जुलाई 2019: पीएमएल-एन के शाहिद खाकान अब्बासी ने जनवरी 2017 से मई 2018 तक पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें जुलाई 2019 में कथित भ्रष्टाचार के लिए गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 27 फरवरी, 2020 को आदियाला जेल से रिहा किया गया। सितंबर 2020: पाकिस्तान के वर्तमान प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ को 28 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था। करीब सात महीने बाद उन्हें लाहौर की कोट लखपत सेंट्रल जेल से रिहा किया गया।