अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में लाइब्रेरी बनवाने को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “आखिर वहां लाइब्रेरी का इस्तेमाल कौन करेगा, क्या मैं अब इस लाइब्रेरी के लिए थैंक्यू बोलूं?” ट्रंप ने यह बात बुधवार (दो जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेशों में अमेरिका द्वारा कम निवेश पर अपनी कैबिनेट का बचाव करते हुए कही।

उन्होंने कहा, “पीएम मोदी मुझे लगातार उस लाइब्रेरी के बारे में बता रहे थे, जो उन्होंने अफगानिस्तान में बनवाई है। हमारे बीच लगभग पांच घंटे उस पर बात हुई। और फिर मुझसे उम्मीद की गई कि मैं उसके लिए शुक्रिया कहूं। मुझे नहीं पता कि अफगानिस्तान में उसका कौन इस्तेमाल करेगा।” हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप ने यह बात किस प्रोजेक्ट के बारे में कही।

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बता दें कि 11 सितंबर, 2001 को तालिबान में हमले हुए थे, जिसके बाद अमेरिका के नेतृत्व में सुरक्षाबलों ने वहां काबिज तालिबान की चरमपंथी सत्ता को जड़ से उखाड़ फेंका था। भारत ने इसके बाद अफगानिस्तान को 21,064 करोड़ रुपए की सहायता का वादा किया था, जिसमें कुछ प्रोजेक्ट्स शामिल थे। इनके तहत काबुल में एक स्कूल का निर्माण और प्रति वर्ष 1000 अफगानी मूल के बच्चों को भारत में स्कॉलरशिप देने की बात शामिल है।

वहीं, साल 2015 में अफगानी संसद की इमारत का पुनःउद्धाटन भारतीय सहयोग से हुआ था। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि अफगानी युवाओं को इन प्रोजेक्ट्स के जरिए आधुनिक शिक्षा और पेशेवर कौशल मुहैया कराने का वादा किया था। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के अभियान (बचाव) के बाद भारत भी मदद के लिए अक्सर आगे रहा है।