अमेरिका में ट्रंप प्रशासन अपने वीजा प्रोग्राम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आने वाले 2 सितंबर से अमेरिका ड्रॉपबॉक्स वीजा प्रोग्राम को खत्म करने जा रहा है। इसे इंटरव्यू वेवर प्रोग्राम भी कहा जाता है। प्रवासियों और छात्रों के लिए यह प्रोग्राम काफी सुविधाजनक होता था। इसके तहत उन्हें इंटरव्यू से छूट मिलती थी। बिना इंटरव्यू वे अपने वीजा का रिन्यूअल करा सकते थे।

क्या थे इसके फायदे?

इसमें लोगों को इंटरव्यू से बचने के अलावा केवल डेजिगनेटेड स्थान पर ही अपने दस्तावेज़ जमा करने की सुविधा मिलती है। इस प्रोग्राम से उन लोगों को काफी राहत मिलती थी, जिन्होंने पहले कोई गलती नहीं की थी। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन की नई घोषणा के अनुसार यह शॉर्टकट लगभग सभी के लिए बंद हो रहा है।

यह बदलाव पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापक ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ के हिस्से के रूप में घोषित किया गया था। बिल पर 4 जुलाई को हस्ताक्षर किए गए थे और अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह सुरक्षा बढ़ाने और स्क्रीनिंग को और कड़ा करने की प्रक्रिया को। इसका असर भारतीयों पर भी पड़ेगा जहां से H-1B कर्मचारियों और छात्रों को अमेरिका जाना पड़ता है।

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अब तक के बड़े बदलाव क्या हैं?

  • वीज़ा रिन्यूअल (H-1B, H-4, L1, F, M, O1, J, आदि) के लिए इंटरव्यू में मिलने वाली अधिकांश छूट खत्म हो जाएंगी।
  • 14 साल से कम उम्र के बच्चे और 79 साल से ज़्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक अब आवेदन नहीं कर पाएँगे। सभी को एक कांसुलर अधिकारी के सामने पेश होना होगा।
  • राजनयिक या आधिकारिक वीज़ा (A, G, NATO, TECRO) छूट के लिए पात्र बने रहेंगे।
  • B-1/B-2 पर्यटक और व्यावसायिक वीज़ा रिन्यूअल के कुछ सेट अभी भी बहुत सख्त शर्तों को पूरा करने पर साक्षात्कार से बच सकते हैं।
  • अगर आप मानदंडों को पूरा भी करते हैं, तो भी एक कांसुलर अधिकारी इंटरव्यू की आवश्यकता बता सकता है।

यह भारत के लिए क्यों मायने रखता है?

भारत ड्रॉपबॉक्स सुविधा के शीर्ष यूजर्स में से एक है। भारत के अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों को पहले से ही दुनिया में सबसे लंबे वीज़ा प्रतीक्षा समय का सामना करना पड़ रहा है। ड्रॉपबॉक्स को हटाने से क्या होगा?

  • इंटरव्यू स्लॉट की मांग में वृद्धि होगी और टाइम अधिक लगेगा
  • वेटिंग तीन महीनों तक बढ़ सकता है।
  • H-1B कर्मचारियों पर निर्भर कंपनियों की परियोजना समयसीमा में व्यवधान आ सकता है।
  • छात्रों के शैक्षणिक कार्यक्रम में देरी हो सकती है।

इसका असर जल्दी ही दिखने लगा है क्योंकि अगस्त और सितंबर 2025 में ड्रॉपबॉक्स के कुछ स्लॉट पहले ही रद्द कर दिए गए हैं और आवेदकों को सीधे इंटरव्यू के लिए भेज दिया गया है।