अमेरिका ने रूस-यूक्रेन के बीच लगभग 3 साल से चल रहे युद्ध को रोकने की कोशिशें करनी शुरू कर दी हैं। अमेरिका ने यूक्रेन में रूस के द्वारा की जा रही जंग की कोशिशों के खिलाफ अपने आर्थिक अभियान को तेज करते हुए एक प्रमुख रूसी वित्तीय संस्थान, गजप्रॉमबैंक पर बैन लगा दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने करीब 50 रूसी बैंकों के साथ ही 15 अधिकारियों पर भी गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये फैसला पद छोड़ने के कुछ दिन पहले ही लिया है। बाइडेन प्रशासन ने पहले ग्लोबल एनर्जी मार्केट में उथल-पुथल के डर से बैंक के खिलाफ बैन नहीं लगाने का फैसला किया था। पर, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दोनों देशों के बीच युद्ध विराम पर बातचीत करने के लिए अपेक्षित दबाव की उम्मीद में और रूस को कमजोर करने के साथ ही यूक्रेन को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका ने शायद यह कदम उठाया है।
गजप्रॉमबैंक पर रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए सैन्य उपकरणों और मैटेरियल का भुगतान करने में रूस की मदद करने का आरोप है। आरोप है कि बैंक ने रूसी सैनिकों के वेतन का भुगतान भी किया है, जिसमें युद्ध बोनस भी शामिल है। साथ ही लड़ाई में मारे गए रूसी सैनिकों के परिवारों को मुआवजा देने में भी मदद की है।
रूस के लिए अपनी सेना को फंडिंग करना कठिन हो जाएगा
US ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने एक बयान में कहा, “रूस के सबसे बड़े बैंक, साथ ही रूस में दर्जनों अन्य वित्तीय संस्थानों और अधिकारियों को टारगेट करने वाले आज के प्रतिबंध रूस की वॉर मशीनरी को और कमजोर कर देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि बड़ी कार्रवाई से क्रेमलिन के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों से बचना और अपनी सेना को फंडिंग करना कठिन हो जाएगा।
50 रूसी बैंकों के साथ ही 15 अधिकारियों पर अमेरिका ने लगाया बैन
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़े करीब 50 रूसी बैंकों के साथ ही करीब 15 अधिकारियों पर भी गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया गया।
गौरतलब है कि 5 नवंबर 2024 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी होगी। रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म करने की उनकी प्रतिज्ञा ने पश्चिमी सहयोगियों के बीच किसी भी वार्ता से पहले यूक्रेन का हाथ मजबूत करने की नई भावना पैदा कर दी है।
अमेरिका ने पुतिन की वॉर मशीन पर बड़ा हमला किया- जेलेंस्की
वहीं, दूसरी ओर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की अर्थव्यवस्था और वॉर फंड को टारगेट करने वाले फाइनेंशियल और बैंकिंग बैन के फैसले पर बाइडेन प्रशासन का आभार जताया है। उन्होंने कहा, “रूस के सबसे बड़े बैंकों में से एक गजप्रॉमबैंक, साथ ही इसकी 6 सहायक कंपनियों और 50 से ज्यादा वित्तीय संस्थानों को टारगेट करके, अमेरिका ने पुतिन की वॉर मशीन पर बड़ा हमला किया है और उनकी खूनी, भ्रष्ट अर्थव्यवस्था को ग्लोबल मार्केट से अलग कर दिया है। “
जेलेंस्की ने आगे कहा कि यह ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हुआ है जब रूस हताश कोशिश में मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। इंसााफ की मांग है कि हमलावर इस जंग की पूरी कीमत चुकाए।