पाकिस्तान में हिंदू समेत सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लोग अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन समुदायों को हमले और जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ रहा है। लक्षित हत्याएं भी की जा रही है। दो दिनों से सिंध प्रांत में हिंदू बालिकाओं को अगवा कर जबरन निकाह कराने की खबरें सुर्खियां बन रही हैं। हाल में सिंध प्रांत में 50 हिंदुओं का जबरन मतांतरण कराने की खबर सामने आई थी।

इससे पहले कराची में 30 मार्च को हिंदू अनुसूचित जाति से आने वाले चिकित्सक बीरबल गिनानी पर हमला किया गया और उनकी मौत हो गई। पेशावर में 31 मार्च को एक अज्ञात हमलावर ने सिख दुकानदार दयाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। सिंध प्रांत के संघार जिले की हिंदू विधवा दया भील की बर्बर तरीके से हुई हत्या की घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रही।

अपहरण और निकाह

हाल में लगातार दो दिनों से सिंध प्रांत में हिंदू बच्चियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराया गया। इससे पहले नवंबर के पहले हफ्ते में सिंध के बदिन जिले के कस्बे तंतु गुलाम अली से दो हिंदू बच्चियों -11 साल की निशा और 13 साल की हिना कोहली का अपहरण किया गया। अक्तूबर और नवबंर के दौरान लगभग 16 ऐसी घटनाएं पाकिस्तान के सिंध इलाके में हो चुकीं हैं।

शेख भिरकियो कस्बे से एक दस साल की बच्ची का अपहरण किया और अस्सी साल के जमींदार मुल्ला रशीद से निकाह करवा दिया गया। जब मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो अदालत ने लड़की को जमींदार के कब्जे से छुड़ाने के आदेश दिए। उसे पनाहगाह में भेज दिया गया। पाकिस्तान में ऐसे मसलों में अदालत कहती है कि लड़की बालिग है या नहीं, इसके लिए उसके दस्तावेज को प्रमाणिक नहीं माना जा सकता और बच्ची की चिकित्सकीय जांच कराई जाती है। रसूखदार लोग चिकित्सक से मिलकर उसे बालिग दिखा देते हैं और फिर अदालत में लड़की की मर्जी का हवाला देकर निकाह को जायज ठहरा दिया जाता है।

आंकड़े गवाह हैं

पिछले साल सर्वाधिक हिंदू जनसंख्या वाले सिंध प्रांत के हरूनाबाद जिले के मिट्ठी कस्बे में 3700 और जैकबाबाद जिले के सग्घर कस्बे के 5700 लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन करवा कर वहां के मंदिरों में ताले डाल दिए गए। सन 2021 में वहां बीस हजार हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करवाया गया, 11 मंदिर तोड़े गए, 28 हिंदुओं की हत्या कर दी गई और 18 ने धार्मिक प्रताड़ना के चलते खुदकुशी कर ली।

ससन 2017 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान की आबादी कोई 20.77 करोड़ है, जिसमें से 22 लाख के करीब हिंदू हैं। पाकिस्तान में सन 1951 में 1.60 फीसद, 1961 में 1.45, सन 72 में 1.11, सन 1981 में 1.85 और 2017 में 1.73 फीसद हिंदू आबादी का आंकड़ा है। हालांकि पाकिस्तान के हिंदू नेताओं का कहना है कि देश में कोई एक करोड़ हिंदू हैं और चूंकि अधिकांश के पास राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआइसी ) नहीं है।

इस कारण उनकी गणना नहीं होती है। देश में सबसे ज्यादा हिंदू सिंध में, कुल आबादी का 8.73 फीसद हैं। पंजाब राज्य में 0.19, खैबर पख्तूनख्वा में 0.02, बलूचिस्तान में 0.40 और इस्लामाबाद में 0.04 फीसद हिंदू आबादी का सरकारी आंकड़ा है। राजस्थान से सटे थारपारकर जिले में सात लाख 14 हजार 698 हिंदू रहते हैं। मीरपुर खास में पांच लाख, सग्घर में चार लाख 46 हजार एवं बदिन, हैदराबाद, टंडो मोहम्मद खान और रहीम यार खान जिलों में एक से डेढ़ लाख हिंदू रहते हैं। उमरकोट जिले की आबादी का 52.15 फीसद हिंदू हैं और यहां के राजपूत शासक ताकतवर हैं।

कानून व प्रवर्तन एजंसियां

पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाए जाते हैं, लेकिन कट्टरपंथी जमात के विरोध के चलते ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। बीते साल वहां 18 साल से कम के लोगों के धर्म परिवर्तन पर पाबंदी का कानून आया, लेकिन मुल्ला- मौलवियों के विरोध के चलते उसे वापस ले लिया गया। तर्क दिया गया कि धर्म परिवर्तन पुण्य का काम है और इस्लामिक कानून के तहत ऐसी पाबंदी धर्म विरोधी है।

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रपट है कि देश में हर साल अल्पसंख्यक समुदाय की लगभग एक हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जाता है और ये 12 से 25 साल उम्र की होती हैं। सन 2004 से 2018 के बीच अकेले सिंध में 7430 हिंदू लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज किए गए। पाकिस्तान में हिंदुओं पर बड़ा खतरा वहां का ईश निंदा कानून है, जिसकी आड़ में भीड़ हिंसा में किसी को भी मार देने पर कोई खास कार्रवाई नहीं होती।

अनुसूचित जाति को बताया धर्म

पाकिस्तान सरकार हिंदुओं में भी बंटवारे की कोशिश में जुटी है। वहां जनगणना के फार्म में अनुसूचित जाति को अलग धर्म बताया गया है।
जनगणना से जुड़े फार्म में धर्म के विकल्प में, मुसिलम, ईसाई, हिंदू, अहमदी, अनुसूचित जाति और अन्य का विकल्प दिया गया है।
पाकिस्तान ने मार्च में पहली बार डिजिटल जनगणना की शुरुआत की है। पाकिस्तान में कभी सिख एक बड़ी संख्या में थे। जनगणना के फार्म में सिखों का विकल्प ही नहीं है।

सिखों की आबादी 74,130 है। ईसाई आबादी 18 लाख 73 हजार, अहमदी आबादी 1.88 लाख है। पाकिस्तान में 3917 पारसी है। इनके अतिरिक्त 11 अल्पसंख्यक हैं। 1,400 लोग खुद को नास्तिक के रूप में घोषित करते हैं।

क्या कहते हैं जानकार

संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय (धर्म) की कम उम्र की बच्चियों और युवतियों के अपहरण, जबरन विवाह और धर्मांतरण में बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। पाकिस्तान के हालात दिन प्रति दिन और बदतर होते जा रहे हैं।

  • टीसीए राघवन, पाकिस्तान में भारत के पूर्व उच्चायुक्त

पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ ऐसा बर्बर व्यवहार नई बात नहीं। कानून प्रवर्तन एजंसियों की विफलता से अल्पसंख्यक समुदायों के लोग हताश हो गए हैं। भारत कूटनीतिक मंचों पर अपनी बात बेशक उठाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसका असर भी दिखता है।

  • राजीव डोगरा,कराची में भारत के पूर्व महा वाणिज्यदूत