अलकायदा के दूसरे शीर्ष आतंकी को अमेरिका ने इजराइली सेना की मदद से मार गिराया है। ऐसा करके अमेरिका ने 22 साल पहले का बदला ले लिया है। जानकारी के मुताबिक अगस्त में ही आतंकी को मार दिया गया था लेकिन एजेंसियों ने अब इसकी पुष्टि की है। आतंकी अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला जिसे अबू मोहम्मद अल मसरी के नाम से जाना जाता था, को तेहरान में मार गिराया गया। इसी दिन उसने अमेरिकी दूतावास पर हमला किया था। उसके साथ ओसामी बिन लादेन की बहू और अब्दुल्ला की बेटी मरियम को भी मार दिया गया।
22 साल पहले हुए अलकायदा के हमले में 224 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे। माना जाता है कि हमले की साजिश अबू मोहम्मद ने ही रची थी। 7 अगस्त को अबू मोहम्मद और उसकी बेटी यानी ओसामा की बहू बाहर निकले थे कि मोटरसाइकल सवार जवानों ने उन्हें ढेर कर दिया। अमेरिका का यह बदला ईरान की सीक्रेट एजेंसी मोसाद ने लिया है। 9 अगस्त 1998 को केन्या और तंजानिया में अमेरिकी ऐंबेसी में हमला हुआ था।
आतंकी अबू मोहम्मद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। आतंकी को मारने के बाद भी इस बात को गुप्त रखा गया। ईरान की सरकारी मीडिया ने किसी की हत्या की खबर तो दी थी लेकिन इसका नाम कुछ और बताया गया था। ईरानी मीडिया ने कहा था कि एक इतिहास के प्रोफेसर की उसकी बेटी के साथ हत्या कर दी गई है। यह भी बताया गया है कि ईरान ने आतंकी को अपने यहां शरण दे रखी थी।
58 साल का अल मसरी अलकायदा का फाउंडिंग मेंबर था और अल जवाहरी की मौत के बाद आतंकी संगठन को लीड कर रहा था। अमेरिका के जानकारों का कहना है कि बिन लादेन की मौत के बाद अलकायदा में सिर उठाने वाले आतंकियों को तैयार करने में अल मसरी की अहम भूमिका थी।