Ayman al Zawahiri Killed: अलकायदा चीफ अयामिन अल जवाहिरी को सीआईए ने एक ड्रोन हमले में ढेर कर दिया है। अमेरिका ने दावा किया है कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक सेफ हाउस की बालकनी में अल जवाहिरी मौजूद था, उसी वक्त ड्रोन ने उसे निशाना बनाया। जवाहिरी के परिवार के अन्य सदस्य भी वहां थे लेकिन और किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अमेरिकी के राष्ट्रपति ने अल जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब इंसाफ हुआ है। 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के वक्त जो बाइडेन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे।
व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में ओसामा बिन लादेन के खिलाफ ऑपरेशन को बाइडेन ने बराक ओबामा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठकर लाइव देखा था। अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद बाइडेन ने कहा कि अमेरिका के लोगों के खिलाफ जो कोई भी खतरा बनेगा, उसे ढूंढकर मार गिराया जाएगा। अल-जवाहिरी पर अमेरिका ने 25 मिलियन डॉलर (करीब 200 करोड़) का इनाम रखा था और वह अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए हमलों का मास्टरमाइंड था।
2020 के दोहा समझौते के तहत, तालिबान ने अफगानिस्तान को आतंकवाद के लॉन्चपैड के रूप में फिर से इस्तेमाल नहीं होने देने का वादा किया था, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस संगठन ने कभी भी अल-कायदा के साथ अपने संबंध नहीं तोड़े। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में पुष्टि की कि काबुल में रविवार को एक हमला हुआ। मुहाजिद ने इस ऑपरेशन की निंदा करते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन बताया है।
कश्मीर को लेकर देता रहा था बयान
लादेन के जिंदा रहते अल जवाहिरी अलकायदा का नंबर दो था लेकिन ओसामा के मारे जाने के बाद वह इस आतंकी संगठन का प्रमुख बन गया। हालांकि, वह बिन लादेन के समय में भी सुर्खियों में रहा था। समय-समय पर जारी किए गए वीडियो में अल-जवाहिरी ने बड़े पैमाने पर पश्चिमी ताकतों के खिलाफ इस्लाम के युद्ध पर अपना ध्यान केंद्रित किया। कई बार उसने अपने बयानों में भारत का जिक्र किया और कश्मीर के बारे में बात की। उसने मुसलमानों को लड़ने के लिए कहा। सितंबर 2003 में अल जवाहिरी ने पाकिस्तान के मुसलमानों को चेताया कि तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ उन्हें हिंदुओं के हवाले कर देंगे और खुद देश से भाग जाएंगे। 2014 और 2022 में दो मौकों पर जवाहिरी के सामने आए वीडियो पूरी तरह से भारत पर केंद्रित थे।
भारत में आतंकी संगठन का विस्तार था मंसूबा
2014 में उसने जमात कायदात अल-जिहाद फिशिबी अल-करात अल-हिंदिया यानी भारतीय उप-महाद्वीप में जिहाद का आधार बनाने वाले संगठन के गठन का ऐलान किया था और कहा कि यह था एक संदेश है कि अलकायदा भारत में अपने मुस्लिम भाइयों को नहीं भूला है। उसने कहा था कि जिहादी ग्रुप ब्रिटिश द्वार भारत में बनाई गई सीमाओं को तोड़ देगा और उपमहाद्वीप के मुसलमानों को अल्लाह के नाम पर एकजुट होने का आह्वान किया था। हालांकि, अल जवाहिरी की तमाम कोशिशों के बावजदू अलकायदा भारत में अपनी जड़ें नहीं जमा सका।
एक वीडियो में जवाहिरी ने कहा कि अलकायदा पूरे क्षेत्र में अपने मिशन का विस्तार करेगा। उसने कहा, “हम आपको नहीं भूले हैं और आपको अन्याय और उत्पीड़न से मुक्ति दिलाएंगे।” अल-जवाहिरी ने मौलाना असीम उमर को उपमहाद्वीपीय गुट (AQIS) का प्रमुख बनाया जो 2019 में अफगानिस्तान में मारा गया। AQIS चीफ के मारे जाने की पुष्टि करते हुए अफगान अधिकारियों ने कहा था कि उमर पाकिस्तानी था। बाद में यह जानकारी सामने आई कि वह असल में भारतीय था और उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला था।
कौन था अल जवाहिरी
इजिप्ट के इस्लामिक जिहाद आतंकवादी ग्रुप की स्थापना में मदद करने वाले नेत्र सर्जन अल जवाहिरी ने 2011 में लादेन के अमेरिकी सेना द्वारा मारे जाने के बाद अलकायदा की कमान अपने हाथों में ले ली थी। जवाहिरी पाकिस्तान में पेशावर और बाद में पड़ोसी अफगानिस्तान चला गया, जहां उसने सोवियत कब्जे के दौरान एक डॉक्टर के रूप में काम करते हुए इजिप्ट के इस्लामी जिहाद के एक गुट की स्थापना की। दिसंबर 1996 में, चेचन्या में वैध वीजा के बिना पकड़े जाने के बाद वह कथित तौर पर छह महीने रूसी हिरासत में भी रहा था।