आतंकवादियों के लिए पनाहगाह मुहैया कराने के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आलोचना करते हुए अफगानिस्तान ने कहा कि ‘बेरहम’ आतंकी हमलों की साजिश रच कर और तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क जैसे समूहों को प्रशिक्षण और आर्थिक मदद देकर पाकिस्तान उसके नागरिकों के खिलाफ ‘अघोषित युद्ध’ चला रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार (21 सितंबर) को अपने संबोधन में अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति सरवर दानिश ने कहा कि उनके देश ने बार-बार पाकिस्तान से ज्ञात आतंकवादी पनाहगाहों को नष्ट करने के लिए कहा है लेकिन स्थिति में कोई तब्दीली नहीं आई है।
उन्होंने कहा, ‘तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को वहां (पाकिस्तान में) प्रशिक्षण और आर्थिक मदद दी जाती है। ‘अच्छे और बुरे आतंकवादियों’ को लेकर पाकिस्तान का चाहे जो भी नजरिया हो लेकिन उनके बीच अंतर करने में वह दोहरी नीति अपनाता है।’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और उसके लोगों के खिलाफ लगातार ‘अघोषित युद्ध’’ चलाया जा रहा है, जो अब भी ‘आतंकवादी समूहों के बेरहम हमलों’ का निशाना बन रहे हैं।
‘अमेरिकन यूनीवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान’ और काबुल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए दानिश ने ‘मौजूदा सबूतों’ के आधार पर कहा कि ये हमले सुनियोजित थे और इन्हें पाकिस्तान की सीमा के अंदर रचा गया था। दानिश ने कहा कि पाकिस्तान स्थित 10 से अधिक आतंकवादी समूह इसके राष्ट्र निर्माण के प्रयासों और अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता स्थापित करने में बाधा डाल रहे हैं।
अतीत और वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों, मसलन अलकायदा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की मौजूदगी पर उन्होंने वैश्विक नेताओं का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘हम आप सभी से पूछते हैं : तालिबान और अलकायदा के पूर्ववर्ती नेता कहां रह रहे हैं और उन्हें कहां मारा गया? इस वक्त तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के नेता कहां स्थित हैं?’
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने हमेशा ही क्षेत्र के सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते की कामना की है, लिहाजा सरकार को भी अपनी और अपने लोगों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाने का अधिकार है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच कोई विभेद नहीं होना चाहिए।