अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को एक घातक बम विस्फोट हुआ। इसमें तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील उर रहमान हक्कानी और दो अन्य लोगों की मौत हो गई। ये पिछले तीन साल में किसी वरिष्ठ तालिबान अधिकारी पर सबसे बड़ा हमला है। यह विस्फोट मंत्रालय परिसर के भीतर हुआ, जिसके कारण खलील हक्कानी की मौत हो गई। हक्कानी की अंतिम आधिकारिक तस्वीर में उन्हें आज ही उपप्रधानमंत्री मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में एक बैठक में भाग लेते हुए देखा गया था।

कौन थे खलील उर रहमान हक्कानी?

खलील हक्कानी कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के चाचा लगते थे। सिराजुद्दीन तालिबान के भीतर एक प्रभावशाली नेटवर्क का नेतृत्व करते हैं। तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से खलील हक्कानी बड़े कमांडर थे और अपनी जान गंवाने वाला पहले महत्वपूर्ण सदस्य हैं। किसी भी संगठन ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

अफगानिस्तान के पकतिया प्रांत में जन्मे हक्कानी पश्तूनों की जदरान जनजाति से ताल्लुक रखते थे। अफगान युद्ध के दौरान खलील हक्कानी पर इंटरनेशनल फंड जुटाने की जिम्मेदारी थी। वह पिछले कई साल से तालिबान के साथ काम कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उससे पहले हक्कानी कुछ समय तक अलकायदा से भी जुड़े थे। 2002 में हक्कानी को पकतिया प्रांत में अलकायदा को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई थी।

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तालिबान के लिए बड़ा झटका

तालिबानी सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर पोस्ट किया और लिखा हक्कानी का निधन एक महत्वपूर्ण क्षति है। उन्होंने हक्कानी को एक समर्पित धार्मिक योद्धा बताया, जिन्होंने इस्लाम की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। विल्सन सेंटर के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के माइकल कुगेलमैन के अनुसार हक्कानी की मौत सत्ता हासिल करने के बाद से तालिबान के लिए सबसे बड़ा झटका हो सकती है। यह घटना तब हुई जब तालिबान वर्षों के संघर्ष के बाद शांति बनाए रखने के माध्यम से अपनी वैलिडिटी स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।

माइकल कुगेलमैन ने कहा, “अपने ही मंत्रालय के अंदर एक टॉप हक्कानी नेता की हत्या उस मूल कथा को कमजोर करती है।” पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और मंत्री के भतीजे अनस ने शोक व्यक्त किया। तालिबान सुरक्षा बलों ने घटनास्थल की फोटोग्राफी पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे आतंकवादी हमला बताया। पढ़ें तालिबान ने इकरामुद्दीन कामिल को नियुक्त किया मुंबई में अपना कार्यवाहक काउंसिल