अफगानिस्तान तालिबान का नया प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में आतकंवादी संगठन के वरिष्ठ कमांडरों के बीच जबर्दस्त तकरार के बाद एक गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक उग्रवादी कमांडर ने गुरुवार को बताया कि गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई और ‘मुल्ला मंसूर सहित’ कई लोग घायल हो गए।
एक स्थानीय सुरक्षा अधिकारी ने मंगलवार रात में हुई घटना की पुष्टि की है और बताया कि मंसूर को इलाज के लिए पाक के अशांत ब्लूचिस्तान प्रांत में एक अज्ञात जगह पर ले जाया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मंसूर ‘गंभीर रूप से घायल’ हो गया है। हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने गोलीबारी और मंसूर के घायल होने के दावों को तत्काल खारिज कर दिया।
उसने कहा, ‘ये अफवाहें हैं और पूरी तरह से निराधार कहानी है। मुल्ला मंसूर सुरक्षित है और उन्हें कुछ नहीं हुआ है।’ करीब दो दशक तक अभियान की अगुआई करने वाले संगठन के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की मौत के बाद मंसूर को तालिबान प्रमुख नियुक्त किया गया था, जिसके केवल चार महीनों के बाद यह कथित घटना हुई है। इस तरह की घटनाओं ने तालिबान समूह में पहले से ही नेतृत्व को लेकर बनी भ्रम की स्थिति को और गहरा कर दिया है।
यह घटना ठप पड़ी शांति वार्ता दबारा शुरू करने की संभावना पर चर्चा करने के लिए फिर से पैदा हुए क्षेत्रीय दबाव के बीच अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी की महत्त्वपूर्ण पाकिस्तान यात्रा से पहले हुई है। पाकिस्तान ने जुलाई में ऐतिहासिक शांति वार्ता के पहले दौर की मेजबानी की थी। जिस समय गोलीबारी शुरू हुई उस समय मंसूर अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ ग्वांतानामो बे के एक पूर्व बंदी तालिबान नेता अब्दुल्ला सरहदी के घर में मौजूद था।
जुलाई में उमर की मौत की पुष्टि के बाद से तालिबान में नेतृत्व को लेकर गंभीर आंतरिक फूट पैदा हो गई है। वास्तव में उमर की दो साल पहले ही मौत हो गई थी। फूट के बावजूद तालिबान ने मंसूर के नेतृत्व में हमलों का सिलसिला जारी रखा। मंसूर का दावा था कि उसे पाकिस्तान स्थित समूह के नेताओं का जोरदार समर्थन हासिल है। सितंबर में, तालिबान ने नाटो और अफगान सरकार के बलों के खिलाफ अपने सबसे घातक जवाबी हमलों में से एक में सामरिक अफगान शहर कुंदुज पर आंशिक रूप से कब्जा तक कर लिया था।