श्रीलंका ने अमीरी के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। वर्ल्ड बैंक की इनकम लेवल क्लासिफिकेशन ऑफ कंट्रीज के अनुसार भारत 46 देशों के साथ लोअर-मिडिल इनकम ग्रुप में बना हुआ है। वहीं श्रीलंका अपर मिडिल इनकम ग्रुप में पहुंच गया है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो श्रीलंका दो दशक तक लो इनकम कैटेगरी में रहने के बाद वित्त वर्ष 1999 में लोअर मिडिल इनकम ग्रुप में पहुंचा था। जबकि भारत 2009 में लो इनकम से लोअर मिडिल इनकम ग्रुप में पहुंचा था। विश्व बैंक प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय के आधार पर अर्थव्यवस्थाओं का वर्गीकरण करता है। इसे एटलस मेथड से कैलकुलेट किया जाता है।

विश्व बैंक इसे चार इनकम ग्रुप लो(70 हजार या इससे कम), लोअर मिडिल(70 हजार से 2.73 लाख रुपये), अपर मिडिल (2.73 लाख से 8.46 लाख रुपये) और हाई इनकम (8.46 लाख रुपये से अधिक) ग्रुप में बांटता है।

ब्रिक्स देशों में से सिर्फ भारत ही लोअर-मिडिल ग्रुप में शामिलः भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 1.38 लाख रुपये है। ब्रिक्स देशों में भारत एकमात्र देश है जो लोअर-मिडिल इनकम ग्रुप में शामिल है। वहीं, ब्रिक्स के अन्य देश ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका सभी देश अपर मिडिल ग्रुप में शामिल हैं। दक्षिण एशिया से मालदीव और श्रीलंका ही ऐसे देश हैं जो अपर-मिडिल क्लास इनकम ग्रुप में शामिल हुए हैं।

हाई इनकम ग्रुप में शामिल हैं 80 देशः कुल 2018 देशों में से 80 देश हाई इनकम ग्रुप में शामिल हैं। वहीं, अपर मिडिल इनकम ग्रुप में 60 और लोअल मिडिल ग्रुप में 47 देश शामिल है। लो-इनकम ग्रुप में 31 देश शामिल हैं। हर साल जुलाई में इन देशों का वर्गीकरण जारी किया जाता है।

श्रीलंका के साथ ही अर्जेंटीना, कोमरोस, जॉर्जिया, कोसोवो, सेनेगल और जिम्मबाब्वे ने अपने इनकम ग्रुप में बदलाव किया है। अर्जेंटीना एकमात्र देश है जो हाई इनकम ग्रुप से अपर-मिडिल इनकम ग्रुप में शामिल है। बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान लोअर मिडिल इनकम ग्रुप में शामिल हैं। अफगानिस्तान और नेपाल ही ऐसे देश हैं जो लो-इनकम ग्रुप में शामिल हैं।