जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने के विरोध में करीब 10 हजार ब्रिटिश पाकिस्तानी नागरिकों ने मंगलवार (3 सितंबर, 2019) को लंदन की सड़कों पर खूब-विरोध प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटेन में भारतीय हाई कमीशन के दफ्तर की खिड़कियों को भी तोड़ दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक सप्ताह में ऐसा दूसरी बार जब प्रदर्शनकारियों ने ब्रिटिश राजधानी में विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि इस बार प्रदर्शनकारियों के विरोध में भारतीय मूल के लोगों ने जवाबी विरोध-प्रदर्शन नहीं किया।
टीओआई में छपी एक खबर के मुताबिक ब्रिटिश कश्मीरी संगठनों के सदस्यों ने ‘कश्मीर फ्रीडम मार्च’ का आयोजन किया। ये प्रदर्शनकारी ब्रिटेन के कुछ सांसदों की अगुवाई में पार्लियामेंट स्क्वायर पास्ट डाउनिंग स्ट्रीट से हाई कमीशन की इमारत तक गए। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और खालिस्तान के झंडे और तख्तियां लेकर कहा, ‘कश्मीर में गोलीबारी बंद करो’, ‘कश्मीरियों की घेराबंदी बंद करो’, ‘कश्मीर पर कार्रवाई की लिए यूएन का समय आ गया’, ‘कश्मीर में युद्ध अपराध बंद करो।’ इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ‘हमें चाहिए आजादी’ जैसे नारे भी लगाए।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे ब्रिटिश सांसद लियाम बर्न ने कहा, ‘आप एक संसद को मौन रखने की कोशिश कर सकते हैं मगर आप लोगों को चुप नहीं करा सकते। हम अपने शहरों की गलियों में प्रदर्शन करते रहेंगे। ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक सयुक्त राष्ट्र कश्मीरी लोगों को न्याय नहीं देता। यह विचार की मामला दो पक्षों का है, अब मर चुका है। अब बहुपक्षीय समाधान का समय है।’
वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के किसी भी आरोप की ‘‘गहन, त्वरित और पारदर्शी’’ जांच होनी चाहिए। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने लंबे ग्रीष्मावकाश के बाद संसद के पहले सत्र में हाउस ऑफ कॉमन्स में सांसदों से कहा कि उन्होंने सात अगस्त को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने चिंता व्यक्त की थी और ब्रिटेन कश्मीर में स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रखेगा। वह मौखिक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस दौरान कश्मीर मुद्दे से जुड़े कई सवाल पूछे गए।
#WATCH United Kingdom: Pakistani supporters protested outside the Indian High Commission in London yesterday. They also caused damage to the premises. (Video Source: Indian High Commission in London) pic.twitter.com/dFtm7C64XO
— ANI (@ANI) September 4, 2019
राब ने कहा कि हिरासत, संभावित दुर्व्यवहार और संचार ठप होने का मुद्दा उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री के साथ उठाया। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे केवल अस्थाई हैं और इसकी सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप चिंता पैदा करने वाले हैं और उनकी पूरी तरह से और त्वरित रूप से जांच की जानी चाहिए।
दूसरी तरफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है। मंत्री ने ब्रिटिश रुख को दोहराते हुए कहा कि कश्मीर विषय भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। उन्होंने हालांकि जोर दिया कि मानवाधिकार की चिंताओं ने इसे अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है। (भाषा इनपुट सहित)
