योग गुरू से कारोबारी बने बाबा रामदेव ने एक ओर नए कारोबार में हाथ आजमाने का फैसला किया है। अब वह सांड़ों का इस्तेमाल कर किसानों के लिए बिजली पैदा करेंगे। स्वेदेशीकरण के प्रति बाबा का अति उत्साह देख यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी उनके लिए एक फैसला लिया है। उनका नया फैसला है सूबे के हर घर में गौमूत्र पहुंचाने का। सीएम योगी ने एलान किया है रोजाना सरकारी नल से 10 मिनट गौमूत्र की सप्लाई होगी। इसका ठेका बाबा रामदेव की पतंजलि को दिया गया है। योगी का मानना है कि ऐसा करने से राज्य में सुख और शांति की बाढ़ आ जाएगी। लोग इतना खुश हो जाएंगे जितना राहुल गांधी के पार्टी उपाध्यक्ष बनने पर कांग्रेसी हुए थे। राज्य में खुशी की बारिश होगी और कुछ साल बाद यूपी में राम राज्य आ जाएगा।
योगी की ये बातें राज्य के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के बहुत बड़े नेता आजम खान को नागवार गुजरी। आजम ने तुरंत पत्रकारों को बुलाया और कहा कि ये फैसला उनकी भैंसो का अपमान है। आजम ने यूपी सरकार से मांग की है कि पूरे प्रदेश में एक नहीं दो सरकारी नल लगने चाहिए। एक से भैंसो का मूत्र निकलना चाहिए तो दूसरे से गौमूत्र। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में अपने मुट्ठी भर विधायकों के जरिए उठवाने की बात कही।
आजम चाहे कुछ भी कहें, लेकिन बाबा रामदेव बेहद खुश दिखे। बाबा की खुशी उनके चेहरे से टपक रही थी। बाबा की टपकती खुशी देखकर एक पत्रकार ने पूछा, ‘बाबा आप इतना खुश क्यों हो’ तो उन्होंने धीरे से हंसते हुए कहा कि असल में यह पंतजलि की दंतकांति का कमाल है। अगर आप भी पंतजलि की दंतकांति खरीदते हैं तो आपके दांत भी ऐसे ही हो जाएंगे और हर कोई आपको खुश समझेगा। ये कहकर बाबा फिर हंसने लगे। तभी उनके सहयोगी बालकृष्ण ने गौमूत्र सप्लाई किए जाने के फैसले की जानकारी दी।
इस बार बाबा सच में खुश हो गए और बोले उनकी पतंजलि इस काम में आदित्य नाथ की पूरी मदद करेंगे। बाबा ने सरकारी नल से रोज 10 मिनट गौमूत्र की सप्लाई का ठेका ले लिया। बाबा ने गौमूत्र को लेकर योजना बनानी शुरू कर दी। उन्होंने हरिद्वार के आश्रम में तीन दिन लगातार मेहनत करके योजना बनाई। पर लखनऊ से एक ऐसी खबर आई कि उनके होश उड़ गए।
बाबा रामदेव को उनके सूत्रों ने खबर दी कि मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव ने योगी से कई बार मुलाकात की है और उन्हें अपनी गाएं भी दिखाई हैं। अपर्णा चाहती हैं कि गौमूत्र सप्लाई का ठेका मुलायम परिवार को मिले, क्योंकि अब पूरा परिवार खाली है। तब बाबा ने दिल्ली और नागपुर में अपने संपर्कों का इस्तेमाल किया और ठेका पाने का वादा पाकर ही चैन लिया। इसके बाद बाबा योग शिविर के लिए रवाना हो गए।
(यह खबर आपको हंसने-हंसाने के लिए कोरी कल्पना के आधार पर लिखी गई है। इसे सीरियसली नहीं लें।)