आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंंद केजरीवाल ने बड़ा फैसला लिया है। इसका ऐलान वह जल्द ही करेंगे। अभी उन्होंने सिद्धांत रूप में फैसला ले लिया है और अपने करीबी लोगों को इससे अवगत भी करा दिया है। उन्हीं में से एक अनाम सूत्र ने हमें बताया है कि केजरीवाल जल्द ही सीएम पद छोड़ देंगे। वह आंदोलन में वापस लौटेंगे। वह ईंट से ईंट बजा कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इसके लिए वह सही समय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने सीएम पद मनीष सिसोदिया और पार्टी संयोजक की कुर्सी कुमार विश्वास को सौंपने का मन बना लिया है। सूत्र ने बताया कि कुमार विश्वास ने काफी जतन करके केजरीवाल को इस फैसले पर सहमत किया है। असल में, यह प्रस्ताव विश्वास का ही था कि केजरीवाल पार्टी प्रमुख और सीएम का पद छोड़ दें। उन्होंने गुप्त बैठक में केजरीवाल से साफ कह दिया- अब जनता में आपका विश्वास डिग गया है।इस पर उनके कुुुछ समर्थकों ने तुरंत कहा- अब लोग कुमार विश्वास को चाह रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि विश्वास और उनके समर्थकों की बात सुन कर केजरीवाल आपा खाो बैठे थे, पर कुछ कह नहीं सके। इसकी वजह यह थी कि किसी ने उनका साथ ही नहीं दिया। इसके बाद नेताओं ने उन्हें याद दिलाया कि आपने कहा था कि एमसीडी चुनाव में आप की हार के बाद वह आंदोलन में वापस लौटेंगे और भाजपा की ईंट से ईंट बजा देंगे। नेताओं ने दलील दी कि अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपमें लोगों का रहा-सहा विश्वास भी चला जाएगा। मजबूरी में केजरीवाल को बात माननी पड़ी। हालांकि, आशुतोष ने कहा कि वह मीडिया को यह कर समझा देंगे कि दिल्ली की भलाई के लिए केजरीवाल ने ईंट से ईंट बजाने का फैसला टाल दिया था। अगर ईंट से ईंट बजाई जाती तो दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण होता। लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी।
विश्वास का पलड़ा भारी देख मनीष सिसोदिया भी कुमार के पाले में चले गए और अपने लिए सीएम की कुर्सी पक्की कराने में कामयाब रहे। उन्होंने और बाकी नेताओं ने अपनी दलीलों से केजरीवाल को इस कदर प्रभावित किया कि वह (जो कहा सो किया) के नारे को पूरी तरह सच करने में जुट गए। पार्टी ने भी केजरीवाल को ईंट से ईंट बजाने में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। इसके बाद केजरीवाल ने तुरंत स्नैपडील से ईंटें ऑर्डर कर डालीं। ईंटें आते ही केजरीवाल अपने अभियान में लग जाएंगे। हालांकि, उनके एक समर्थक ने यह शक जता कर खुद को केजरीवाल का हितैषी साबित करने की कोशिश की कि कहीं स्नैपडील से मिल कर भाजपा उन्हें अपना कहा पूरा करने से रोक न दे। पर कुमार विश्वास ने उसे यह कह कर शांत करा दिया कि भाजपा में उनके कई दोस्त हैं, जिनकी मदद से वह ऐसा नहीं होने देंगे।
(यह खबर आपको हंसने-हंसाने के लिए कोरी कल्पना के आधार पर लिखी गई है। इस खबर में कोई सच्चाई नहीं है। ऐसी अन्य खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें )