बहुत ही कम लोग ऐसे देखने को मिलेंगे जिन्हें परफ्यूम लगाने का शौक नहीं होता हो। परफ्यूम किसी भी व्यक्ति के शरीर की सुगंध को बढ़ाता है जिससे लोग उस इंसान की तरफ आकर्षित हो जाते हैं। बाजार में बहुत सी खुशबू के इत्र मिलते हैं। जिनका इस्तेमाल लोगों द्वारा रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाता है। लेकिन घर में अकसर बड़े बुजुर्ग लोग रात में इसका इस्तेमाल करना अच्छा नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक रात में परफ्यूम को लगाकर बाहर निकलने से नकारात्मक ऊर्जा जल्दी आकर्षित हो जाती है।
ज्योतिष अनुसार हिंदू धर्म में कई देवी देवता ऐसे होते हैं जिन्हें इत्र चढ़ाया जाता है। इत्र का पूजा में इस्तेमाल देवी-देवताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए किया जाता है। जैसे हनुमान जी को चमेली का इत्र चढ़ाया जाता है। इसी तरह हर एक देवता का अपना एक इत्र होता है। खुशबू के माध्यम से किसी भी तरह की शक्ति को अपनी तरफ आकर्षित किया जाता है। भगवान को सुंगधित फूलों को चढ़ाने का भी यही कारण होता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली धूपबत्ती या अगरबत्ती भी अच्छी खुशबू वाली होती है।
इसी तरह सकारात्मक ऊर्जा ही नहीं खुशबू के प्रयोग से नकारात्मक ऊर्जा को भी अपनी तरफ आकर्षित किया जाता है। ज्यादातर इत्र या परफ्यूम में अल्कोहल होता है। और किसी भी तरह की तामसिक पूजा या तंत्र मंत्र की पुजाओं में शराब और इत्र का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे उन नकारात्मक शक्तियों को अपनी तरफ आकर्षित किया जा सके। क्योंकि रात के समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा देखा जाता है इसलिए ऐसे समय में परफ्यूम का इस्तेमाल करके घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।
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इसी के साथ किसी सुनसान जगह पर भी इन perfumes को लगाकर नहीं जाना चाहिए। किसी भी हरे भरे पेड़ के नीचे खासकर पीपल और बरगद के पेड़ के नीचे परफ्यूम लगाकर नहीं बैठना चाहिए। चौराहे, तिराहे, श्मशान, कब्रिस्तान इत्यादि इलाकों में भी परफ्यूम का इस्तेमाल किया जाना अच्छा नहीं माना जाता है। इसी तरह चमेली की सुंगध वाले इत्र का प्रयोग करने से बचने की सलाह दी जाती है।