भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार और बीजेपी प्रत्याशी रवि किशन ने 23 अप्रैल को नामांकन से पहले बाबा गोरखनाथ के दर्शन किये और विशेष रुद्राभिषेक भी करवाया। रवि किशन गोरखपुर सीट से ही चुनावी मैदान में उतरे हैं। गोरखनाथ मंदिर का राजनीतिक जगत में खास महत्व रहा है। क्योंकि इसी मंदिर के महंत पद से योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद तक पहुंचे। जानतें हैं इस मंदिर के बारे में कुछ खास बातें…
– गुरु गोरखनाथ को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। इनके नाम पर ही उत्तर प्रदेश के इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा।
– यहां गुरु गोरखनाथ का समाधि स्थल भी है जहां दुनिया भर के नाथ संप्रदाय के लोग माथा टेकने आते हैं। इसी के साथ यहां नाथ संप्रदाय से जुड़े संतो और महात्माओं की मूर्ति भी लगी है।
– कहा जाता है कि गुरु गोरखनाथ ने भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित शक्तिपीठ देवीपातन पर तपस्या की थी।
– इस मंदिर को मुगलों द्वारा कई बार ध्वस्त करने की कोशिश की गई लेकिन इसका बार-बार पुननिर्माण किया जाता रहा। मुगल शासक औरंगजेब ने भी 17 वीं और 18 वीं सदी में इस मंदिर को नष्ट कर दिया था। लेकिन 19 वीं सदी में इसका फिर से निर्माण कर दिया गया।
– माना जाता है कि शिव गोरक्ष द्वारा यहां त्रेता युग में जो ज्योति जलाई गई थी वो आज तक जल रही है।
– मकर संक्राति के मौके पर यहां खिचड़ी मेला लगाया जाता है। जिसे लेकर कहा जाता है कि खिलजी के आक्रमण के समय नाथ योगी संघर्ष के चलते समय नहीं मिल पाने के कारण भूखे रह जाते थे। इसी समस्या का हल करते हुए बाबा गोरखनाथ ने इन लोगों को दाल, चावल और सब्जी को एकसाथ पकाने की प्रेरणा दी। जिसे खिचड़ी का नाम दिया गया है। इसी कारण यहां हर मकर संक्राति पर खिचड़ी का मेला लगता है। और देश ही नहीं विदेश से भी लोग इस भव्य मेले को देखने आते हैं।
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– मंदिर में दुनिया भर से लोग योग साधना करने के लिए आते हैं। जिसका क्रम कई प्राचीन काल से चला आ रहा है। कहा जाता है कि गोरखनाथजी ने तपस्या करते समय जिस स्थान पर अपनी समाधि लगाई थी वहीं गोरखनाथ मंदिर स्थित है।
– गोरखनाथ मंदिर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के ओर देशों में भी स्थित है। चीन, बाली, जावा, भूटान और नेपाल में गोरक्षपीठ है।