हिंदू धर्म में कई देवी देवता होते हैं। जिनकी मूर्तियां लोग अपने घरों के मंदिर में लगाकर पूजा करते हैं। लेकिन इनमें से कुछ प्रतिमाएं ऐसी होती हैं जिनका घर में होना अच्छा नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इन मूर्तियों के घर में होने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। जानिए घर में भगवान की मूर्ति लगाते समय किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है…
घर में कभी भी किसी देवी या देवता की युद्ध करते हुए मूर्ति नहीं लगानी चाहिए। ऐसी मूर्ति जिसमें की भगवान किसी का वध कर रहें हो। माना जाता है कि ऐसी मूर्तियों के घर में होने से अशांति आती है और पारिवारिक कलह काफी ज्यादा होने लगते हैं। ऐसे घर पर मां लक्ष्मी की कृपा भी नहीं बनती। इसी के साथ घर के मंदिर में एक ही भगवान की दो प्रतिमाएं भी नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। इसी तरह खंडित मूर्तियां भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए। अगर कोई मूर्ति खंडित दिखे तो उसे तुरंत हटाकर बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें।
ज्योतिष के अनुसार घर में भगवान की रौद्र रूप वाली मूर्तियां रखना भी अशुभ माना जाता है। इसलिए लोगों को घरों में भगवान की हमेशा सौम्य, मुस्कराते हुए और आशीर्वाद देते हुए प्रतिमा रखनी चाहिए। साथ ही भगवान की उदासीन प्रतिमा का भी घर में होना कई तरह के नकारात्मक प्रभाव डालता है। कहा जाता है कि ऐसे घर में खुशहाली नहीं आती। और आर्थिक काफी खराब हो जाती है।
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भगवान की मूर्ति लगाते समय एक और बात पर विशेष ध्यान दिया जाता है वो यह है कि कभी भी भगवान की मूर्ति इस तरह से ना लगाएं कि जिससे उसके पीछे का भाग दिखे। इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा काफी बढ़ जाती है। इसलिए मूर्तियों को इस तरह से लगाना चाहिए जिससे की उनके सामने का दृश्य अच्छे से दिख पाए।