Rahu, Ketu and Shani Planet: ज्योतिष अनुसार राहु, शनि और केतु को क्रुर ग्रह माना गया है। इन ग्रहों के खराब होने से व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए इनकी शांति के लिए कई तरह के उपाय भी किये जाते हैं। आमतौर पर कौन से ग्रह आपके जीवन में विपरित प्रभाव डाल रहे हैं इस बात की जानकारी कुंडली से मिलती है। लेकिन ज्योतिष में कुछ ऐसे भी संकेत बताए गए हैं जिनके माध्यम से आपको इन ग्रहों के खराब होने की जानकारी मिल सकती है। जिसके आधार पर आप इन्हें शांत करने के लिए उपाय भी कर सकते हैं। शरीर में हर ग्रह का अपना एक स्थान होता है। यदि आपके सिर से लेकर गले तक किसी भी प्रकार की गंदगी या खार एकत्रित है तो आप पर राहु का प्रकोप हो सकता है, इसी तरह यदि आपके फेफड़ें, पेट और पैर में किसी प्रकार का कष्ट है तो आप पर केतु का प्रकोप है और यदि आपकी हड्डी, दांत, आंत या बाल में कोई परेशानी है तो आप शनि के शिकार हो सकते हैं। जानें इन ग्रहों को शांत करने के उपाय…

शनि- शनि को शांत करने के लिए हर शनिवार शनि देवता की पूजा करनी चाहिए। अपने दांत, बाल और नाखूनों को अच्छे से साफ रखें। साथ ही भैरवजी के मंदिर जाकर उनसे अपने पापों की क्षमा मांगे। जुआ, सट्टा, शराब, पिता-पूर्वजों का अपमान और ब्याज आदि कार्यों से दूर रहें। कौवे को रोटी खिलाएं। कटोरी में सरसो का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में रख आएं।

राहु- भगवान शिव की पूजा करें। राहु मंत्र का जाप करें। सोने के स्थान पर अपने सिरहाने जौ रखें और सुबह इसका दान कर दें। अपने पास सफेद चंदन रख सकते हैं। राहु खराब होने पर मांस-मदिरा का उपयोग नहीं करना चाहिए। चिड़ियों को दाना खिलाएं।

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केतु- पीपल के पेड़ के नीच प्रतिदिन कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। भगवान गणेश की आराधना करें। कान छिदवाएं। सफेद और काला दोरंगी कंबल दान करें। दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं। केतु की शांति के लिए कुत्ता पालना भी अच्छा माना गया है। दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को केतु के निमित्त व्रत रखें।

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