महाभारत काल में विदुर एक परम ज्ञानी और महान इंसान थे। उन्हें लगभग हर तरह की विद्या और शास्त्रों की जानकारी हासिल थी। उनके द्वारा बनाई गई नीतियों का आज के समय में भी काफी महत्व देखा जाता है। विदुर की नीति अनुसार ऐसे लोगों का सभी सम्मान करते हैं जिनमें इस खास तरह के 8 गुण पाये जाते हैं। जानिए उन गुणों के बारे में…
बुद्धिमत्ता – किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण उसकी तेज बुद्धि होती है। लेकिन यहां तेज बुद्धि से मतलब इंसान की याद करने की क्षमता से नहीं बल्कि उस व्यक्ति के अच्छे कॉमन सेंस से है। जो व्यक्ति अपनी काबिलियत से किसी चीज का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करता है ऐसा व्यक्ति बुद्धिमान कहा जाता है।
कुलीनता – किसी भी व्यक्ति के बात करने और काम करने के तरीके से इस बात का पता चल जाता है कि वह किस खानदान से है और उसकी परवरिश कैसी हुई है। इसलिए ऐसा आचरण करना चाहिए जिससे की आपका और आपसे जुड़े लोगों का सम्मान हो।
इंद्रिय निग्रह – इसका मतलब अपने सभी ऑर्गन यानी इंद्रियों को कंट्रौल मे रखना होता है। यह नहीं की खुद ही अपनी इंद्रियों के नियंत्रण में हो जाना। अपने ऑर्गन का उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितनी की जरूरत हो।
शास्त्र ज्ञान- व्यक्ति को अपने काम से जुड़े विषय के बारे में लगभग पूरी जानकारी होनी चाहिए। जिस व्यक्ति को जितनी ज्यादा जानकारी होती है उसका सम्मान उतना ही ज्यादा किया जाता है। अगर किसी चीज के बारे में जानकारी नहीं हो तो उसे सीखने की कोशिश करते रहना चाहिए।
पराक्रम – इसका मतलब है कि विपरित परिस्थितियों में भी आगे बढ़ते रहना। क्योंकि जीवन में कई ऐसे मौके आएंगे जब कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन जो व्यक्ति समझदारी से आगे बढ़ता जाता है उसी का लोग सम्मान करते हैं।
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कम बोलना – विदुर नीति अनुसार व्यक्ति को उतना ही बोलना चाहिए जितने की जरूरत हो।
शक्ति अनुसार दान- इसका मतलब होता है कि मनुष्य को उतना ही दान देना चाहिए जितनी उसकी क्षमता हो।
कृतज्ञता – किसी की भी छोटी सी मदद लेने पर भी उस इंसान का शुक्रिया जरूर करना चाहिए।