बहुत से लोग अपने घर के बाहर या अंदर घोड़े की नाल लगाते हैं। खासतौर पर घर के मुख्य द्वार में घोड़े की नाल लगाने का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष और वास्तुशास्त्र दोनों के अनुसार ही घोड़े की नाल का लगाना अच्छा माना गया है। क्या होती है घोड़े की नाल? घोड़े के पैरों के तलवे में लोहे का एक यू आकार का सोल ठोंका जाता है। इस सोल पर जहां-जहां कील ठोकी जाती है वहां-वहां छेद हो जाते हैं। लोहे के इसी सोल को नाल कहा जाता है। हालांकि आज के समय में बाजार में मिलने वाली घोड़े की नाल किसी भी घोड़े पर इस्तेमाल नहीं की गई होती हैं। घोड़े की नाल के नाम पर बस ये एक नाल होती हैं। लेकिन पहले के समय में घोड़े की खराब हुई नाल का ही उपयोग किया जाता था।
ज्योतिष अनुसार काले घोड़े के पैरों पर शनि का विशेष प्रभाव होता है। क्योंकि नाल लोहे की बनी होती है और लोहा शनि की धातु मानी गयी है। साथ ही काला रंग भगवान शनि का प्रिय होता है इस कारण घोड़े की नाल लगाने से शनि का प्रकोप समाप्त हो जाता है। तो वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर का मुख्य गेट उत्तर, उत्तर पश्चिम या पश्चिम दिशा की ओर हो तो वहां बाहर की तरफ घोड़े की नाल लगा देनी चाहिए। इससे घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती साथ ही घर में बरकत भी बनी रहती है।
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ज्योतिष अनुसार अगर काले घोड़े की नाल काले कपड़े में बांधकर अनाज में रख दी जाए तो इससे कभी अनाज की कमी नहीं होगी। साथ ही इसी तरीके से यह नाल घर की तिजौरी में रखने से धन में वृद्धि होती रहती है। घोड़े की नाल घर में होने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। कई लोग अपनी दुकानों के बाहर भी काले घोड़े की नाल को टांगते हैं इससे बिक्री बढ़ती है। ऐसा माना जाता है कि अगर दौड़ते हुए घोड़े के पैरों से खुद नाल छिटक कर गिर जाए तो ऐसी नाल घर में लगाना काफी शुभ माना जाता है। इससे दुर्भाग्य दूर होता है। इसे लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।