पूजा में मंत्रों के जाप का अपना विशेष महत्व होता है। भगवान की पूजा करते समय लोग भिन्न-भिन्न मंत्रों का जाप करते हैं। खैर ये तो भक्त की श्रद्धा पर निर्भर करता है कि वह कितनी बार मंत्रों का जाप करता है। लेकिन पूजा में 108 बार मंत्रों का जाप करना अच्छा माना गया है। जिसके लिये लोग माला का प्रयोग करते हैं। पूजा में मंत्रों के जाप के लिए अलग-अलग तरह की माला का प्रयोग किया जाता है। जैसे रूद्राक्ष की माला, हल्दी माला, तुलसी माला, स्फटिक माला, चंदन की माला इत्यादि। यहां जानिए किस माला से मंत्रों के जाप करने का क्या होता है महत्व…

– अकसर लोग रूद्राक्ष की माला से मंत्रो का जाप करते हैं। शास्त्रों में इस माला को सबसे सर्वश्रेष्ठ माला कहा गया है। इस माला से किसी भी देवी देवता के मंत्रों का जाप किया जा सकता है। लेकिन महामृत्युंजय मन्त्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना चाहिए।

– स्फटिक की माला का प्रयोग धन प्राप्ति और मन को एकाग्र करने के लिए किया जाता है। मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप इसी माला से होता है। गुरुदेव बृहस्पति और मां बगलामुखी के मंत्र जाप के लिए इस माला का प्रयोग अच्छा माना गया है।

– चंदन की माला का भी पूजा में प्रयोग किया जाता है। ये दो प्रकार की होती है, एक सफेद चंदन और दूसरा लाल चंदन। मां दुर्गा के मंत्र का जाप लाल चंदन की माला से तो भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप सफेद चंदन की माला से किया जाता है। राहु की महादशा में सफेद चंदन की माला पहनना लाभकारी साबित होता है।

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– तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप किया जाता है। लेकिन यह माला किसी देवी और भगवान शिव के मंत्रों के जाप के लिए प्रयोग नहीं की जाती है।

– कमलगट्टे की माला का प्रयोग धन और वैभव की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस माला का प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसे पूजा स्थान पर ही रखें।