हिंदू धर्म में भोजन को लेकर काफी सारी बातें बताई गई हैं, जैसा कि भोजन का कौन सा समय उचित होता है, कैसा भोजन करना चाहिए और किस समय कौन सा भोजन करना लाभकारी और कौन सा नुकसानदेह साबित हो सकता है। यहां आप जानेंगे कि शास्त्रों में किस महीने क्या नहीं खाने की दी जाती है सलाह…

चैत्र माह – अंग्रेजी महीने के हिसाब से यह महीना मार्च से अप्रैल के बीच में आता है। इस माह में गुण नहीं खाना चाहिए।

वैशाख – यह महीना अप्रैल और मई के बीच में आता है। इस महीने ज्यादा तला भुना खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना गया है।

ज्येष्ठ – यह महीना मई और जून के बीच में आता है। इस महीने भीषण गर्मी पड़ने के कारण दोपहर के समय चलना या खेलना मना होता है। इस महीने तरल पदार्थों का सेवन किया जाना चाहिए।

आषाढ़ – यह महीना अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जून से जुलाई के बीच में आता है। इस महीने हरी सब्जियों का सेवन कम करना चाहिए।

श्रावण – सावन का महीना जुलाई से अगस्त के बीच में आता है। इस दौरान साग खाना मना होता है। यानी हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से परहेज करना चाहिए। साथ ही दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

भाद्रपद – अगस्त से सितम्बर के बीच आने वाले इस हिंदी माह में दही खाना मना होता है। लेकिन तिल की चीजों का उपयोग किया जाता है।

आश्विन – सितम्बर से अक्टूबर के बीच आने वाले इस महीने में करेला खाने की मनाही होती है। इस दौरान गुड़ खाना सेहत के लिए लाभकारी माना गया है।

कार्तिक – अक्टूबर से नवम्बर के बीच आने वाले हिंदी माह में मूली खूब खानी चाहिए। लेकिन बैंगन, जीरा और दही खाने की मनाही है।

[bc_video video_id=”5989247243001″ account_id=”5798671092001″ player_id=”JZkm7IO4g3″ embed=”in-page” padding_top=”56%” autoplay=”” min_width=”0px” max_width=”640px” width=”100%” height=”100%”]

मार्गशीर्ष – यह महीना नवम्बर से दिसंबर के बीच आता है इस दौरान जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए।

पौष – दिसंबर से जनवरी के बीच का समय पौष माह का होता है। इस दौरान दूध पीना लाभकारी माना गया है लेकिन खाने में धनिया का उपयोग नहीं करना चाहिए।

माघ – जनवरी से फरवरी के बीच आने वाले इस महीने में मूली और धनिया खाना मना है। इस माह में खिचड़ी का सेवन करना चाहिए।

फाल्गुन – फरवरी से मार्च के बीच के इस महीने में चना खाना मना होता है।