हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथ की रेखाओं ही नहीं बल्कि उन रेखाओं पर बने चिन्हों का भी खास महत्व होता है। ज्योतिष के ज्ञानी लोग इन चिन्हों को देखकर मनुष्य की जिंदगी के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं। हाथों पर मौजूद रेखाओं से कई तरह के चिन्ह बन जाते हैं जिनका अपना-अपना महत्व होता है। कुछ चिन्ह अशुभ तो कुछ चिन्ह शुभ फल देते हैं। कौन से निशान आपको कैसा फल देगा इस बात का पता उस निशान की पोजीशन को देखकर लगाया जाता है।
कुंडली ही नहीं व्यक्ति के हाथ की हथेली पर भी ग्रहों का स्थान होता है। हाथ की उंगलियों के नीचे का पर्वत किसी ना किसी ग्रह से संबंधित होता है और इन्हीं पर्वतों पर बने चिन्हों का व्यक्तिगत जीवन पर खास प्रभाव देखा जाता है। अगर किसी मनुष्य की बीच वाली उंगली के नीचे वाले स्थान पर त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो इसे काफी शुभ माना जाता है। हाथ की इस उंगली के नीचे शनि का स्थान होता है। इस स्थान पर 2 तरीकों से त्रिशूल का निशान बनता है। एक ह्रदय रेखा से दूसरा शनि पर्वत पर आ रही भाग्य रेखा से।
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जब हाथ की ह्रदय रेखा शनि पर्वत के अंदर त्रिशूल का निशान बना रही हो तो ऐसे लोग काफी किस्मत वाले होते हैं। इन्हें कम ही प्रयासों में सफलता हासिल हो जाती है। ऐसे लोग काफी धैर्यवान होते हैं। जिन लोगों की भाग्य रेखा शनि पर्वत पर पहुंचकर त्रिशूल का निशान बना दे तो इसे काफी शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति को करियर में सफलता मिलती है साथ ही ऐसे लोगों को कभी धन की कमी नहीं होती है। अगर त्रिशूल का यह निशान शनि पर्वत के ठीक नीचे की तरफ बन रहा हो तो ऐसे लोगों को सफलता देरी से मिलती है। सामान्यत: इन लोगों को 41 साल की उम्र के बाद जबरदस्त उन्नति देखने मिलती है। इस समय के आने पर यह लोग कई ऊंचे मुकाम हासिल कर लेते हैं।