भगवान बुद्ध जिन्हें पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी। भगवान बुद्ध द्वारा दिये गए उपदेशों का अनुसरण भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में किया जाता है। यहां जानिए भगवान बुद्ध के मन को शांति देने वाले उपदेशों के बारे में। एक जलते हुए दीपक से हजारों दीपक रोशन किए जा सकते हैं फिर भी उस दीपक की रोशनी कम नहीं होती। उसी तरह खुशियां बांटने से बढ़ती हैं, कम नहीं होती। हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा यह है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त करो। फिर जीत हमेशा तुम्हारी है। इस जीत को तुमसे कोई नहीं छीन सकता, न स्वर्गदूत और ना ही राक्षस।
– बुराई से बुराई खत्म नहीं हो सकती। बुराई को केवल प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है। यह एक प्राकृतिक सत्य है।
– तुम्हें अपने क्रोध के लिए सजा नहीं मिलती बल्कि तुम्हें अपने क्रोध से ही सजा मिलती है।
– सत्य के मार्ग पर चलते हुए व्यक्ति केवल दो ही गलतियां कर सकते हैं। या तो पूरा रास्ता तय नहीं करना या फिर शुरुआत ही नहीं करना।
– भूतकाल में मत उलझो, भविष्य के सपनों में मत खो जाओ। वर्तमान पर ध्यान दो यही खुश रहने का एक मात्र रास्ता है।
– हजारों खोखले शब्दों से वह एक शब्द अच्छा है जो शांति लेकर के आए।
– दुनिया में तीन चीजों को कभी छुपाया नहीं जा सकता चांद, सूर्य और सत्य।
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– मनुष्य को अपने शरीर को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी होती है। अगर शरीर स्वस्थ नहीं है तो मन और सोच दोनों ही सपष्ट नहीं रह सकते।
– एक तेज धार चाकू की तरह जीभ, बिना खून बहाए मार देती है।
– संदेह या शक की आदत से भयानक कुछ भी नहीं होता है। संदेह लोगों को अलग करता है और शक मित्रता को तोड़ता है।
– खुशियों का कोई रास्ता नहीं होता है। खुश रहने ही सबसे अच्छा रास्ता है।
– अगर आप अपने आप से प्रेम करते हैं तो कभी दूसरों को दुख नहीं पहुंचा सकते।
– यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह खुशी उसका साथ कभी नहीं छोड़ती।

